पीलीभीत के औद्योगिक विकास में आई जान, 12 प्रोजेक्टों ने भरी उड़ान

पीलीभीत के औद्योगिक विकास में आई जान, 12 प्रोजेक्टों ने भरी उड़ान

पीलीभीत, अमृत विचार। जिले के औद्योगिक विकास अब उड़ान भरने लगा है। निवेश के प्रस्ताव धरातल पर उतरने लगे हैं। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 12 प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं। जिनमें 80 करोड़ का निवेश हुआ है। अगले माह भी कुछ प्रोजेक्ट शुरू होने की बात कही जा रही है।

करीब 20 लाख से अधिक आबादी वाले जिले में पूर्व वर्षों में शासन की ओर से ध्यान न दिए जाने के कारण उद्योग धंधे चौपट हो रहे थे। जिसका असर यह हुआ कि कई बड़ी ईकाईयां बंद हो गई। लोगों को रोजगार के लिए गैर जनपदों का रुख करना पड़ा। इसका सीधा असर जिले के विकास पर भी पड़ा। इधर जब देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार आई तो उसके बाद उद्योगों को स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर काम हुआ। 

प्रदेश के जिलों में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर निवेशकों को सहुलियत देने का भरोसा जताते हुए उन्हें निवेश करने का प्रेरित किया गया। पीलीभीत में दस माह पहले हुई जनपदस्तरीय इंवेस्टर्स समिट के बाद अब तक निवेश के लिए 250 से अधिक निवेशक आगे आ चुके हैं। यह निवेशक 102 प्रोजेक्टों को लेकर 1209 करोड़ का भारी भरकम निवेश करने जा रहे हैं। इसमें एमएसएमई के तहत 600 करोड़ के 37 प्रोजेक्ट शामिल है।

बैट्री बनाने से लेकर आयुर्वेदिक दवा बनाने की इकाई स्थापित
सरकार से औद्योगिक जगत को मिली सहुलियत के बाद उद्यमियों ने तेजी से इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया गया है। अच्छी बात यह है कि इनमें से 12 निवेशकों ने अपने प्रस्ताव का मूर्त रूप भी दे दिया है। इन्होंने बैट्री बनाने से लेकर जड़ी बूटियों से आयुर्वेदिक दवाएं बनाने की इकाईयां स्थापित की है। एक शुगर प्लांट की भी शुरूआत हो चुकी है। इन सभी इकाईयों ने प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया है। 

यह इकाईयां, ललौरीखेड़ा, कलीनगर, पूरनपुर आदि जगहों पर स्थापित की गई हैं। इन सभी 12 प्रोजक्टों को लेकर करीब अस्सी करोड़ का निवेश किया गया है। अफसरों की मानें तो चार से पांच प्रोजेक्ट भी जल्द शुरू होने वाले हैं। अन्य निवेशकों से जल्द काम शुरू करने को लेकर लगातार संपर्क किया जा रहा है।

इन्वेस्टर्स समिट के बाद जिले के औद्योगिक विकास में लगातार प्रगति देखी जा रही है। जनपद में अब तक 12 प्रोजेक्ट शुरू भी चुके हैं। इन सभी ने प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया है। निवेशकों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। ताकि अन्य प्रोजेक्ट भी जल्द धरातल पर उतर सकें। - आत्मदेव शर्मा, डिप्टी कमिश्नर, उद्योग

उद्योग बंधु की बैठक में नहीं पहुंच रहे उद्यमी
जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र द्वारा जिले के उद्यमियों की समस्याओं को सुनने और उनके निराकरण को लेकर हर माह जिला स्तरीय उद्योग बंधु समिति की बैठक का आयोजन किया जाता है। खास बात यह है कि इस बैठक को लेकर जिले के उद्यमियों में ही दिलचस्पी में नहीं है। हालांकि बैठक के आयोजनों को लेकर उपायुक्त उद्योग द्वारा लगातार इन उद्यमियों से संपर्क भी स्थापित किया जाता है, इसके बावजूद जिले के उद्यमी बैठक में नहीं पहुंच रहे हैं। औद्योगिक संगठनों की सूची भी अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। 

इधर अब उपायुक्त उद्योग आत्मदेव शर्मा ने उद्यमियों को पत्र भेजकर औद्योगिक संगठनों एवं विशिष्ठ उद्यमियों का डाटाबेस बनाने के लिए जानकारी साझा करने का अनुरोध किया है। ताकि औद्योगीकरण को बढ़ावा मिल सके।

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