UP Crime: चाचा, पापा जाग नहीं रहे, मैं और ध्रुव उठ नहीं पा रहे... अंगीठी बनकर आई काल, तीन जिंदगियां खत्म
कानपुर में अंगीठी का धुआं भरने से तीन की मौत।

कानपुर में अंगीठी का धुआं भरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। पति-पत्नी और बेटे की मौत से नाती-नातिन बदहवास है।
कानपुर, अमृत विचार। चाचा जल्दी आओ पापा जाग नहीं रहे हैं, मैं और ध्रुव उठ नहीं पा रहे... अस्पताल में भर्ती निमिषा ने आपबीती बताते हुए यह जानकारी दी। फफक कर रोते हुए बताया कि पापा ने रात करीब 11 बजे अंगीठी कमरे के बाहर कर रख दी थी, लेकिन सर्दी लगने के कारण पापा ने दोबारा अंगीठी जला दी। अगर वह अंगीठी न जलाती तो शायद परिजनों की मौत नहीं होती।
सोमवार सुबह निमिषा (22) व ध्रुव (18) को चाचा रामजी शर्मा ने गोविंद नगर स्थित कृष्णा हॉस्पिटल में गंभीर हालत में भर्ती कराया । जहां इलाज के बाद दोपहर को निमिषा व ध्रुव की हालत सामान्य हो सकी। दादा, दादी व पिता की मौत से दोनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। निमिषा व ध्रुव ने परिजनों को बताया कि पापा ने रात करीब 11 बजे अंगीठी को कमरे के बाहर रख दिया था, लेकिन ठंड लगने पर उन्होंने दोबारा जला कर कमरे में रख दी।
इसके बाद कब उनकी आंख लग गई तो पता नहीं चला। निमिषा के मुताबिक सुबह कमरे में धुंआ भरा हुआ था, दूध वाले के आने पर उठने की कोशिश की लेकिन उठ नहीं पा रहे थे। इसके बाद पापा व बाबा को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। तब निमिषा ने दूसरे कमरे में सो रहे चाचा रामजी को फोन कर घटना की जानकारी दी।
ब्लोअर वापस न लेते तो शायद टल जाता हादसा
निमिषा क्षेत्र के प्रदीप शर्मा के कक्षा तीन में पढ़ने वाले बेटे को ट्यूशन पढ़ाती थी। प्रदीप ने बताया कि निमिषा के परिजन कुछ दिन पूर्व भोपाल स्थित रिश्तेदार के यहां तेहरवीं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे। बताया कि इस दौरान ध्रुव व निमिषा की ठंड लगने के कारण तबियत खराब चल रही थी।
ठंड से बचाव के लिए प्रदीप ने निमिषा को तीन दिन पूर्व ब्लोअर दिया था। प्रदीप ने बताया कि रविवार को पारिवारिक आयोजन के चलते रिश्तेदार घर आए थे, जिस पर उन्होंने ब्लोअर मंगा लिया था। पछतावा जाहिर करते हुए प्रदीप ने कहा कि अगर ब्लोअर वापस न लिया होता तो शायद यह हादसा नहीं होता।
कई बार अंगीठी जलाने से मना किया था
प्रदीप ने बताया कि उनका पूरनचंद्र के घर आना जाना था। बताया कि कई बार उन्होंने परिजनों को बंद कमरे में अंगीठी जलाने से मना किया था, लेकिन रसोई के पास खुला स्थान होने की बात कह परिजन अंगीठी जलाते थे। प्रदीप की पत्नी के मुताबिक कुछ दिन पूर्व परिजनों ने रसोई का रोशनदान बंद कर दिया था।
12 मार्च को होनी थी शादी, अब कैसे होगी
घर में एक साथ तीन मौत की जानकारी पर चकेरी निवासी पूरनचंद्र के भाई सुधीर कुमार शर्मा मौके पर पहुंचे। सुधीर ने बताया कि ग्रेजुएट होने के बाद कुछ समय पूर्व ही निमिषा की शादी तय की गई थी।12 मार्च को निमिषा की शादी होनी थी, जिसको लेकर पूरा परिवार तैयारियों में जुटा हुआ था। बताया कि बड़े भाई पूरनचंद्र सभी रिश्तेदारों की शादियों में मुखिया के रुप में शामिल होते थे। एक साथ तीन मौत हो गईं, अब कैसे नीमिषा के हाथ पीले होंगे।
सात साल पहले हुई मां की मौत, अब छिना पिता का साया
नरेंद्र शर्मा की पत्नी प्रतिभा की मौत सात साल पहले बीमारी के कारण हो गई थी। जिसके बाद नरेंद्र ही निमिषा व ध्रुव की देखभाल करते थे। बताया कि निमिषा नरेंद्र की लाडली थी। जिसकी शादी का आयोजन नरेंद्र धूमधाम से करना चाहते थे, लेकिन सोमवार को पिता का साया भी निमिषा व ध्रुव के सिर से छिन गया।
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