राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के पहले मध्यप्रदेश में उत्साह, संस्कृति विभाग की विविध गतिविधियों की रूपरेखा तैयार
भोपाल। भगवान राम के अयोध्या में दिव्य मंदिर में प्राण- प्रतिष्ठा के पूर्व मध्यप्रदेश में उत्साह का वातावरण है। इसी क्रम में संस्कृति विभाग ने विभिन्न गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान राम के मंदिर के गर्भ गृह में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या जा रहे प्रदेश के यात्रियों के स्वागत और विभिन्न ट्रेनों के प्रस्थान पर समारोह पूर्वक पुष्पवर्षा का निर्णय लिया था।
इसके अनुसार प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर व्यवस्था की गई है। प्रदेश के शहरों और ग्रामों में रोशनी और प्राण-प्रतिष्ठा के दिन हर घर दीप जलाने की तैयारी की गई है। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में राम कथा सप्ताह मनाया जा रहा है। इसमें गायन, कथावाचन, राम रक्षा स्रोत, रामचरितमानस पाठ भी हो रहे हैं। विभिन्न स्पर्धाएं हो रही हैं। इसके पुरस्कृत प्रतिभागी गणतंत्र दिवस के दिन जिला मुख्यालयों में सम्मानित किए जाएंगे। संस्कृति विभाग की जनजातीय लोक कला और बोली विकास अकादमी ने प्रदेश के राम मंदिरों का सर्वेक्षण किया है।
मध्यप्रदेश में उज्जैन में त्रिवेणी कला संग्रहालय में तीन दिवसीय लीला समारोह सम्पन्न हो चुका है। ऐसे ही कार्यक्रम मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर, रतलाम के कालीका माता मंदिर, नलखेड़ा, सीहोर जिले के सलकनपुर, देवास के माता मंदिर, छिंदवाड़ा के जामसांवली, सतना के चित्रकूट, टीकमगढ़ के कुण्डेश्वर, पन्ना के सलेहा और छतरपुर के खजुराहो में भी हुए हैं।
कार्यक्रमों की श्रंखला के अंतर्गत दतिया, ओरछा, ग्वालियर, रामवन सतना, देवतालाब रीवा, मऊगंज, मैहर, सतना के नागौद और दमोह में भी सांस्कृतिक आयोजन हो रहे है। प्रदेश में आस्था और संस्कृति के प्रचार- प्रसार और दिव्य वातावरण निर्माण के लिए जिलों में अलग-अलग स्थानों पर प्रभात फेरी और कलश यात्रा के अभियान जन अभियान के सहयोग से संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में उज्जैन स्थित श्री महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की तरफ से बाबा महाकाल का पांच लाख लड्डुओं का प्रसाद अयोध्या भेजा जा रहा है, जो 22 जनवरी को अयोध्या में वितरित होगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गत 15 जनवरी को उज्जैन प्रवास में स्वयं भी लड्डू बनाने के पुनीत कार्य में भागीदारी की है। प्रदेश के मंदिरों और उसके आसपास के इलाकों में स्वच्छता अभियान चल रहा है। पवित्र नदियों और जलाशयों में दीपदान और प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। दिनांक 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण- प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का सजीव प्रसारण एलईडी के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में किया जाएगा।
स्थानीय कलाकार श्रीराम-जानकी जी से संबंधित चित्र, शिल्प, रंगोली आदि का प्रदर्शन और आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक परिचर्चा, नृत्य नाटिका और भजन संध्या से जुड़ेंगे। आम नागरिक इन कार्यक्रमों को देखने- सुनने पहुंचेंगे। चित्रकूट में हर साल रामायण मेला लगेगा।
चित्रकूट में आयोजित श्रीराम वन पथ गमन न्यास की पहली बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि श्रीराम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थानों का विकास किया जाएगा। चित्रकूट को अयोध्या की तरह बनाया जाएगा। चित्रकूट में भी 22 तारीख तक विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां निरंतर चलेंगी। वर्षभर के कार्यक्रमों का कैलेंडर बनाया जा रहा है। विभिन्न सरकारी विभाग एकीकृत शहरी विकास योजना के माध्यम से चित्रकूट को विश्व स्तरीय धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कार्य करेंगे।
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