लखीमपुर-खीरी: दुधवा के चिन्हित 10 में से चार गैंडे परिक्षेत्र से बाहर जंगल में छोड़े जाएंगे

कई सालों के इंतजार बाद बड़ी बाधा दूर, दक्षिण अफ्रीका से मिले चार रेडियो कालर 

लखीमपुर-खीरी: दुधवा के चिन्हित 10 में से चार गैंडे परिक्षेत्र से बाहर जंगल में छोड़े जाएंगे

लखीमपुर खीरी, अमृत विचारः राइनो एरिया के चिन्हित 10 में से चार गैंडों को उनके परिक्षेत्र से बाहर छोड़ने में आ रही बड़ी बाधा दूर हो गई है। क्योंकि दुधवा टाइगर रिजर्व को दक्षिण अफ्रीका से चार रेडियो कालर मिल गए हैं, जिन्हें गैंडों के गले में लगाकर जंगल में छोड़ा जाना है।

रेडियो कालर मिलने के बाद भारत सरकार ने दुधवा के अधिकारियों से गैंडों की सुरक्षा व उनकी नियमित मानीटरिंग के संबंध में सवाल पूछे हैं कि गैंडों को कहां छोड़ा जाएगा, कैसे मानीटरिंग होगी और वह कौन-कौन से गैंडे हैं, जिन्हें राइनो एरिया से बाहर छोड़ा जा रहा है। 

राइनो एरिया के गैंडों को उनके परिक्षेत्र से बाहर जंगल में छोड़ने की योजना काफी पुरानी है, लेकिन रेडियो कालर उपलब्ध न होने के कारण इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही थी। अब यह बाधा दूर हो गई है। इसलिए अधिकारियों ने गैंडों को परिक्षेत्र से बाहर छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।

अधिकारियों का कहना है कि कुल 10 गैंडे चिन्हित किए गए हैं, जिनमें चार गैंडों को चिन्हित कर जंगल में छोड़ा जाएगा। यह प्रक्रिया अगले 15 दिन में पूरी की जानी है। अधिकारियों ने भारत सरकार द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर भी तैयार कर लिया है, जिसे भारत सरकार को भेजने के बाद गैंडों को जंगल में छोड़ने की अनुमति मांगी जाएगी। इसके बाद गैंडों को जंगल में आजादी से घूमने के लिए छोड़ दिया जाएगा।

40.3 वर्ग किलोमीटर राइनो एरिया में रह रहे 46 गैंडे 
गैंडों को पुनर्वासित करने के लिए पहले चरण में 27 वर्ग किलोमीटर में परियोजना की शरूआत की गई थी। बेहतर संरक्षण के कारण धीरे-धीरे इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हुई और अब इनकी संख्या 46 तक पहुंच गई है। लगातार गैंडों की संख्या बढ़ने के कारण 13.3 वर्ग किलोमीटर का दूसरा एरिया विकसित किया गया था, जिसमें कुल छह गैंडे रखे गए हैं। इस प्रकार वर्तमान में 27 वर्ग किलोमीटर राइनो एरिया में 40 और 13.3 वर्ग किलोमीटर एरिया में छह गैंडे हैं।

तीन मादा गैंडों संग छोड़ा जाएगा एक नर गैंडा 
दुधवा में गैंडों की वंश वृद्धि के लिए तीन फीमेल और एक मेल गैंडा जंगल में छोड़ा जाएगा। जिससे उन्मुक्त होकर यह गैंडा वंशवृद्धि कर सकें। रेडियो कालर के जरिए इन गैंडों की निगरानी की जाएगी।

भारत सरकार से अनुमति मिलने के 15 दिन के अंदर गैंडों को राइनो एरिया से बाहर जंगल में छोड़ा जाएगा। दक्षिण अफ्रीका से रेडियो कालर मिलने के बाद अब गैंडों को रिलीज करना आसान हो गया है। यह चारों गैंडे दुधवा के ही जंगल में छोड़े जाने हैं---ललित वर्मा, फील्ड डायरेक्टर।

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