बरेली: पार्षदों के सीमा विवाद में नहीं हो रही सफाई, जनता परेशान

बरेली: पार्षदों के सीमा विवाद में नहीं हो रही सफाई, जनता परेशान

बरेली, अमृत विचार। चुनाव में घूमकर लोगों से बड़े-बड़े वादे करने वाले पार्षद अब अपने वार्ड में सफाई भी नहीं कर पा रहे हैं। शहर के तीन वार्डों 62-चकमहमूद, 48-जोगीनवादा और 33-वनखंडीनाथ में सीमा विवाद की वजह गंदगी रहती है। यहां की नालियां जाम पड़ी हैं। सफाई कर्मचारी भी विवाद का फायदा उठा रहे हैं। इस व्यवस्था को सफाई इंस्पेक्टर भी सुधार नहीं पा रहे हैं। लोग भी पार्षदों के इस रवैये से संतुष्ट नहीं हैं।

जोगीनवादा में दरगाह के पास नालियां चोक हैं। यहां कभी-कभी सफाई होती है। यहां के लोगों ने बताया कि यह इलाका वार्ड 33 में आता है। इसी के सामने वार्ड 48 वाले हिस्से में भी नालियां जाम पड़ी हैं। लोगों का कहना है कि सफाई कर्मी भी यह कहते हैं कि क्षेत्र नहीं होने के कारण वह सफाई नहीं करेंगे।

वार्ड 33 वनखंडीनाथ के पार्षद पति प्रेमशंकर राठौर ने इस सीमा विवाद का कारण पूर्व पार्षद को बताया। बताया कि कल्लू लाला गली में एक हिस्सा तो उनका है लेकिन शेष हिस्सा वार्ड 62 में है। क्षेत्र में दो बार एक वर्ग के प्रत्याशी जीते तो उन्होंने दूसरे वार्डों के वोट वनखंडीनाथ वार्ड में बनवा लिए हैं। जब तक वह जीतते रहे तो इस अनियमितता पर अफसरों ने भी ध्यान नहीं दिया लेकिन उन्होंने अब निर्वाचन अधिकारी, नगर आयुक्त को इसकी लिखित शिकायत की है। 

बताया कि बूथ संख्या 266 के वोट वार्ड 62 में होना चाहिए लेकिन यह वोट वार्ड 33 में डाले गये हैं। बूथ संख्या 267 के वोट वार्ड 33 में होने चाहिए वह वार्ड 48 में डाले गये हैं। इसी तरह बूथ संख्या 264 में वार्ड 62 और 33 के वोट हैं।

प्रेम शंकर ने बताया कि उनके वार्ड 33 में मुस्लिम आबादी 16 सौ है लेकिन वोट दो गुने से ज्यादा हैं। उन्होंने बताया कि अब वार्ड में नक्शे के अनुसार काम कराया जा रहा है। मैं उस इलाके में काम नहीं कराऊगा जहां का क्षेत्र वार्ड के नक्शे में नहीं है।

वार्ड 62 के पार्षद अनीस बताते हैं कि उनके वार्ड में आठ सफाई कर्मचारी है। वार्ड बड़ा है। सफाई कार्य नहीं होता है। जनता उन्हें घेरती है । सफाई इंस्पेक्टर तक उनकी बात नहीं सुनते हैं। किसी-किसी मोहल्ले में तो कई दिन बाद कर्मचारी जाते हैं और केवल झाड़ू लगाकर आ जाते हैं। नालियां साफ नहीं होती है।

वार्ड 48 में गौसाई गोटिया निवासी धीरेंद्र श्रीवास्तव समेत अन्य स्थानीय लोग पार्षद से नाराज हैं। पार्षद तीन साल से यहां सड़क नहीं बनवा पा रहे हैं। टावर वाली के पास खाली प्लाट को डलावघर बना दिया गया है। क्षेत्र में नालियां जाम पड़ी हैं।

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