स्वर्वेद महामंदिर है दुनिया का सबसे अनोखा temple: पीएम मोदी

स्वर्वेद महामंदिर है दुनिया का सबसे अनोखा temple: पीएम मोदी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर के प्रथम चरण का लोकार्पण किया। इसके बाद पीएम मोदी ने मंदिर की भव्यता को देखा और यहां उपस्थित हजारों लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर है। 

ये भारत के सामाजिक और आध्यात्मिक सामर्थ्य का एक आधुनिक प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि इस मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद को बड़ी सुंदरता के साथ अंकित किया गया है। वेद, उपनिषद, रामायण, गीता और महाभारत आदि ग्रन्थों के दिव्य संदेश भी इसमें चित्रों के जरिये उकेरे गए हैं। इसलिए ये मंदिर एक तरह से अध्यात्म, इतिहास और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। 

उन्होंने आगे कहा कि स्वर्वेद महामंदिर की संगमरमरी दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार दोहे लिखे हैं। 19 साल तक लगातार छह सौ कारीगर, दो सौ मजदूर और 15 इंजीनियर की मेहनत आज महामंदिर के पूर्ण स्वरूप में साकार हो चुकी है। पीएम ने कहा कि आज स्वर्वेद मंदिर बनकर तैयार होना, इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है। ये महामंदिर महृषि सदाफल देव जी की शिक्षाओं और उनके उपदेशों का प्रतीक है। 

इस मंदिर की दिव्यता जितना आकर्षित करती है, इसकी भव्यता हमे उतना ही अचंभित भी करती है। मंदिर का भ्रमण करते हुए मैं खुद मंत्रमुग्ध हो गया। उन्होंने कहा, काशी प्रवास का आज मेरा ये दूसरा दिवस है। 

हमेशा की तरह काशी में बीता हर क्षण अपने आप में अद्भुत और बेमिसाल अनुभूतियों से भरा होता है। एक बार मुझे विहंगम योग शताब्दी समारोह के आने का अवसर मिला है। आज विश्वनाथ धाम की भव्यता भारत के अविनाशी वैभव की गाथा गा रही। 

पीएम ने कहा कि आज महाकाल महालोक हमारी अमरता का प्रमाण दे रहा है। आज केदारनाथ धाम भी विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। बुद्ध सर्किट का विकास करके भारत एक बार फिर दुनिया को बुद्ध की तपोभूमि पर आमंत्रित कर रहा है। बनारस आज विकास के अद्वितीय पथ पर अग्रसर है

पीएम ने कहा कि अब बनारस का मतलब है – विकास, अब बनारस का मतलब है – आस्था के साथ आधुनिक सुविधाएं, अब बनारस का मतलब है – स्वच्छता और बदलाव, बनारस आज विकास के अद्वितीय पथ पर अग्रसर है। हमने काशी जैसे जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों का आशीर्वाद लिया। उन्होंने आगे कहा, भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की। 

हमने काशी जैसे जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों का आशीर्वाद लिया। पीएम ने कहा कि संतों के सानिध्य में काशी के लोगों ने मिलकर विकास और नवनिर्माण के कितने ही नए कीर्तिमान गढ़े हैं। भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है। हमने प्रगति के प्रतिमान गढ़े हैं, समृद्धि के सौपान तय किए हैं। 

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