बरेली: निस्तारण के लिए लंबित हैं हजारों ऑडिट आपत्तियां...समीक्षा में तलाशे जाएंगे कारण

19 को लोक लेखा समिति मंडल स्तरीय समीक्षा में निस्तारित मामलों की पारदर्शिता भी परखेगी, समीक्षा को लेकर तैयारी में जुटे हैं गृह, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, कृषि समेत पांच विभाग

बरेली: निस्तारण के लिए लंबित हैं हजारों ऑडिट आपत्तियां...समीक्षा में तलाशे जाएंगे कारण

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार : मंडल के बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर जिले के में कराए गए विकास कार्यों की ऑडिट में आईं आपत्तियों के निस्तारण के लिए लंबित हजारों मामलों को लेकर लोक लेखा समिति की मंडलीय समीक्षा बैठक तय हो गई है। लखनऊ से इसके संकेत मिलने के बाद समीक्षा में शामिल किए गए विभाग तैयारियों में जुट गए हैं। समिति समीक्षा बैठक में निस्तारण के लंबित मामलों की वजहों को जानने के साथ ही निस्तारित हो चुकी आपत्तियों की पारदर्शिता भी परखी जाएगी।

दरअसल, होने वाले विकास कार्यों की हर साल ऑडिट आपत्तियां कराई जाती है, जिससे विकास पर खर्च होने वाले एक-एक पैसे का हिसाब-किताब सामने आता है, लेकिन मंडल के बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर में 41 हजार के करीब निस्तारण के लिए ऑडिट आपत्तियां वर्षों से लंबित हैं। इसमें हजारों की तादाद में ऐसे मामले भी हैं, जिनका 15 से 20 सालों तक से निस्तारण नहीं हो सका।

ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जो विकास कार्य कराए गए हैं, उसमें हेराफेरी नहीं हुई होगी। ऑडिट आपत्तियों का निस्तारण क्यों नहीं हुआ, जो हुई हैं, उसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई या नहीं आदि बिंदुओं पर समीक्षा करने के लिए विधानसभा लोक लेखा समिति के द्वितीय समिति के सभापति टीम के साथ बरेली आ रहे हैं।

समीक्षा बैठक की तारीख 19 दिसंबर तय की गई है। समिति की समीक्षा में गृह विभाग, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, कृषि समेत पांच विभागों को शामिल किया है। मंडलीय बैठक को लेकर सभी जिलों के संबंधित विभागों ने तैयारियां तेज कर दी हैं।

सोमवार शाम को सौंप देंगे रिपोर्ट: लाेक लेखा समिति की टीम के लोग 18 दिसंबर की शाम को ही जिले में आ जाएंगे। उसी शाम को विभागों को अपनी-अपनी रिपोर्ट समिति को सौंपनी होगी। अगले दिन बैठक होगी। सीडीओ जगप्रवेश को इस बैठक का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

समिति में फरीदपुर विधायक भी शामिल: लोक लेखा समिति में विधानसभा के सभापति और पांच सदस्य शामिल किए जाते हैं। इस समिति में फरीदपुर विधायक डॉ. श्याम बिहारी लाल सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। हालांकि, जानकारों के मुताबिक समिति की ओर से इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वह कितने साल पुराने ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण के लिए लंबित मामलों की समीक्षा करेंगे, कितनी लागत वाले विकास कार्य के मामले रहेंगे। इसकी स्थिति साफ नहीं होने से विभाग भी असमंजस में हैं।

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