महादेवा महोत्सव : मंच पर बही काव्य की रसधार, श्रोताओं ने बजाईं तालियां
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रामनगर/ बाराबंकी,अमृत विचार। महादेवा महोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर प्रसिद्ध कवियों ने अपने काव्य पाठ की रसधार से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। सर्वप्रथम कवित्री मनिका दुबे ने आरती की थाल सजाओ जी, वीणा पाड़ी मां को मनाओ जी, सरस्वती वंदना सुनाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे कवि राम किशोर तिवारी ने शिव के अर्चन में गूंजे यही एक स्वर, हर समय रात दिन और आठो पहर, भक्ति काव्य पाठ कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। कवि लोकेश त्रिपाठी ने तुम्हारा साथ हिन्दी मे,ये दिन और रात हिन्दी मे,सुनाया तो पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
योगेंद्र योगी ने सारे ब्रह्मांड का एक स्वामी है जो,सारा संसार जिसकी नजर पर टिका सुनाया। नीलोत्पल मृणाल ने रील बनाने वाले लड़के सुनाया। इसके बाद कवि विकास बौखल ने किसी खंजर से न तलवार से जोड़ा जाए, हास्य रस कविता सुन कर दर्शकों को खूब हंसाया। कवि ओम शर्मा ओम ने सारी दुनिया से जीत लेंगे पर,आज अपनों से हार जाएंगे कविता गाकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
कवियत्री साक्षी तिवारी ने वीर रस की कविता शहीदों का रंगों में,जब तलक बलिदान जिंदा है, समूचे विश्व में मां भारती का मान जिंदा है, सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया। पांडाल में मौजूद दर्शकों ने कवियों के द्वारा प्रस्तुत किए गए काव्य पाठ सुनने के लिए देर रात तक डटे रहे। इसके पूर्व सांसद उपेंद्र रावत जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य पूर्व विधायक शरद अवस्थी तथा एडीएम अरुण कुमार एसडीएम नागेंद्र पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया।
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