Lucknow News : सीएम योगी बोले- महाकुंभ ने सनातन धर्म को दी वैश्विक पहचान
Lucknow, Amrit Vichar : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि महाकुम्भ के आयोजन ने दुनिया को भारत के सामर्थ्य और सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप को दिखाया, साथ ही उत्तर प्रदेश की नकारात्मक छवि को भी बदला है। लखनऊ के एक पांच सितारा होटल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में भू माफियाओं ने प्रयागराज के पौराणिक स्थलों पर अवैध कब्जे कर लिए थे।
महाकुंभ के दौरान इन स्थलों को माफिया मुक्त कर उनके कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त हुआ, जिससे श्रद्धालु अब साल भर यां दर्शन कर सकते हैं। योगी ने कहा कि अक्षय वट को गुलामी के काल में कैद कर नष्ट करने की कोशिश की गई, जिससे 500 वर्षों तक श्रद्धालु दर्शन से वंचित रहे। माता सरस्वती कूप और पातालपुरी जैसे स्थल उपेक्षित रहे, जबकि श्रृंगवेरपुर भगवान राम और निषादराज के मैत्री स्थल पर लैंड जिहाद के जरिए कब्जा कर लिया गया। द्वादश माधव और नागवसुकी जैसे पवित्र स्थल भी अवैध कब्जों की चपेट में थे। महाकुंभ के दौरान वहाँ नए कॉरिडोर बनाकर इन स्थलों को मुक्त कराया गया, जो हमारी पौराणिक परंपरा के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। उन्होने कहा कि महाकुम्भ के आयोजन ने न केवल दुनिया को भारत के सामर्थ्य और सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप को दिखाया, बल्कि उत्तर प्रदेश को लेकर बनी नकारात्मक धारणा को भी बदल दिया।
महाकुंभ ने सनातन धर्म के सच्चे और व्यापक स्वरूप को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। त्रिवेणी संगम में हर जाति, पंथ और क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने एक साथ डुबकी लगाई, जो ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाता है। योगी ने कहा, “दुनिया ने इसे आश्चर्य और कौतूहल की नजरों से देखा।” उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में भेदभाव की कोई जगह नहीं है। यह आयोजन इसकी एक झलक थी। उन्होंने इसे उत्तर प्रदेश के लिए अपनी सकारात्मक छवि को वैश्विक मंच पर पेश करने का अनूठा अवसर बताया। 45 दिनों के इस आयोजन में 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि जिनकी सोच नकारात्मक है, उनसे सकारात्मकता की उम्मीद करना बेकार है।
उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले कुंभ (1954) से लेकर 1974, 1986, 2007 और 2013 तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के शासनकाल में हुई अव्यवस्थाओं का जिक्र किया। 1954 में एक हजार से अधिक मौतें हुईं, 2007 में प्राकृतिक आपदा ने जन-धन की हानि की और 2013 में मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने संगम की गंदगी देखकर आंसू बहाए थे। योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने कुंभ को अव्यवस्था और गंदगी का अड्डा बना दिया था। आज वही लोग हमारे स्वच्छ महाकुंभ पर सवाल उठा रहे हैं। उनकी नकारात्मकता ने उन्हें जनता की नजरों से गिरा दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को हर अच्छे कार्य का विरोध करना अपनी शक्ति समझता है, लेकिन जनता ने महाकुंभ में पहुंचकर उन्हें सबक सिखा दिया। औरंगजेब को आदर्श मानने वालों पर तीखा हमला करते हुए योगी ने कहा कि यह मानसिक विकृति का परिणाम है। उन्होंने शाहजहां की पुस्तक का हवाला देते हुए बताया कि औरंगजेब ने अपने पिता को कैद कर एक बूंद पानी के लिए तरसाया और भाई को मार डाला।
योगी ने तंज कसते हुए कहा कि जो औरंगजेब को पसंद करते हैं, वे अपने बच्चों का नाम औरंगजेब रखें और उसके अत्याचार भोगने को तैयार रहें। उन्होंने इस तरह की बात करने वाल भारत के नायकों का अपमान कर रहे हैं। संभल का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि 5000 साल पुराने पुराणों में इसका वर्णन है, जहां श्रीहरि का दसवां अवतार होगा। 1526 में मीर बाकी ने वहां मंदिर तोड़ा, लेकिन अब तक 18 तीर्थों का उत्खनन हो चुका है। उन्होंने कहा कि जो इतिहास छिपाते हैं, उन्हें पुराण पढ़ने चाहिए। योगी ने कहा कि आस्था को अर्थ से जोड़कर हजारों टैक्सी चालकों, बस चालकों और व्यापारियों को रोजगार मिला। कोविड संकट में जनता के साथ खड़े होने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नया भारत आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों में अग्रणी होगा।
नमामी गंगे परियोजना के तहत कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर को रोकने का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि गंगा आज स्वच्छ है। उन्होंने दिल्ली में यमुना की गंदगी पर तंज कसा और कहा कि दिल्ली की जनता ने इसका जवाब दे दिया है। उन्होने कहा कि जब राजनीति स्वार्थ से प्रेरित होकर कार्य करती है तो वह न स्वयं का कल्याण कर सकती है न लोककल्याण कर सकती है। राजनीति को परमार्थ का कार्य बनाएंगे तो स्वयं का भी कल्याण होगा और लोककल्याण के माध्यम से आगे के जीवन को प्रशस्त कर पाएंगे।
सिर्फ़ मानसिक रूप से विक्षिप्त ने औरंगजेब को माना आदर्श
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विपक्षी दलों तथा मुगल शासक औरंगजेब का महिमामंडन करने वाले ‘‘लोगों’’ की आलोचना की एवं उनकी मानसिक स्थिति और इरादों पर सवाल उठाया। यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि केवल मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति ही औरंगजेब को आदर्श व्यक्ति मान सकता है। आदित्यनाथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े साप्ताहिक ‘ऑर्गनाइजर’ द्वारा आयोजित ‘मंथन: कुंभ और उससे आगे’ विषयक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी की औरंगजेब पर टिप्पणी से उपजे विवाद के बीच आई है। आजमी को 26 मार्च तक महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है और कथित तौर पर जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज की गईं। आदित्यनाथ ने आज यहां कार्यक्रम में कहा,‘‘जो लोग भारत की सनातन परंपराओं और संस्कृति में विश्वास नहीं करते हैं, उनके खिलाफ साजिश रचते हैं, उन्हें उन लोगों के भाग्य पर भी गौर करना चाहिए जिनका वे महिमामंडन करते हैं। मैं यह पूरी ईमानदारी से कहता हूं- केवल मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति ही औरंगजेब को आदर्श व्यक्ति मान सकता है। मैं नहीं मानता कि कोई भी मानसिक रूप से परिपक्व या बुद्धिमान व्यक्ति ऐसे क्रूर शासक की प्रशंसा करेगा।
’’ उन्होंने कटाक्ष किया, “अगर कोई पूरी जागरूकता के साथ इस पर विश्वास करता है, तो उसे सबसे पहले अपने बेटे का नाम औरंगजेब रखना चाहिए। और उन्हें औरंगजेब द्वारा अपने पिता शाहजहां के साथ किए गए व्यवहार का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।” आदित्यनाथ ने औरंगजेब के बारे में शाहजहां द्वारा खुद लिखे गए लेखों का हवाला देते हुए कहा, “हमें दूसरों से औरंगजेब के बारे में क्यों सुनना चाहिए, जबकि शाहजहां ने खुद अपनी जीवनी में लिखा है कि किसी का बेटा औरंगजेब जैसा दुष्ट नहीं होना चाहिए? उन्होंने अफसोस जताया कि एक हिंदू बेटा भी बेहतर है क्योंकि वह अपने माता-पिता की जीवित रहते हुए सेवा करता है और उनके जाने के बाद उनकी आत्मा को पानी पिलाता है। लेकिन औरंगजेब, तुमने मुझे प्यासा छोड़ दिया।”
उन्होंने याद दिलाया कि औरंगजेब ने शाहजहां को आगरा के किले में कैद कर दिया था और उसे हर 24 घंटे में केवल एक छोटा घड़ा पानी दिया था, जिससे उसकी धीमी और दर्दनाक मौत हो गई। अपने भाषण के अंत में आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान उन्हें (औरंगजेब को मानने वालों को) भारत के सच्चे नायकों का सम्मान करने और इस भूमि पर क्रूरता करने वालों को अपना आदर्श मानने से रोकने की सद्बुद्धि दे। योगी का कहना था कि यह एक नया भारत है- एक ऐसा भारत जो अपनी आस्था का सम्मान करता है, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखता है और जानता है कि अपनी परंपराओं को कमजोर करने की कोशिश करने वालों को कैसे जवाब देना है। भाषा किशोर जफर
यह भी पढ़ें- Bhadohi accident: कार की टक्कर से बाइक सवार मां-बेटे की मौत, पति के संग दर्शन करने जा रही थी महिला
Afrikaans
Albanian
Amharic
Arabic
Armenian
Azerbaijani
Basque
Belarusian
Bengali
Bosnian
Bulgarian
Catalan
Cebuano
Chichewa
Chinese (Simplified)
Chinese (Traditional)
Corsican
Croatian
Czech
Danish
Dutch
English
Esperanto
Estonian
Filipino
Finnish
French
Frisian
Galician
Georgian
German
Greek
Gujarati
Haitian Creole
Hausa
Hawaiian
Hebrew
Hindi
Hmong
Hungarian
Icelandic
Igbo
Indonesian
Irish
Italian
Japanese
Javanese
Kannada
Kazakh
Khmer
Korean
Kurdish (Kurmanji)
Kyrgyz
Lao
Latin
Latvian
Lithuanian
Luxembourgish
Macedonian
Malagasy
Malay
Malayalam
Maltese
Maori
Marathi
Mongolian
Myanmar (Burmese)
Nepali
Norwegian
Pashto
Persian
Polish
Portuguese
Punjabi
Romanian
Russian
Samoan
Scottish Gaelic
Serbian
Sesotho
Shona
Sindhi
Sinhala
Slovak
Slovenian
Somali
Spanish
Sundanese
Swahili
Swedish
Tajik
Tamil
Telugu
Thai
Turkish
Ukrainian
Urdu
Uzbek
Vietnamese
Welsh
Xhosa
Yiddish
Yoruba
Zulu
