मुरादाबाद : तनाव प्रबंधन से दूर होगा मानसिक अवसाद, अच्छी संगति में बैठें युवा

अच्छा माहौल, पूरी नींद और नियमित रूप से मनोरंजन से मन व शरीर रहेगा तरोताजा, शीशे के आगे खड़े होकर कहें मैं कर सकता हूं

मुरादाबाद : तनाव प्रबंधन से दूर होगा मानसिक अवसाद, अच्छी संगति में बैठें युवा

मुरादाबाद, अमृत विचार। आधुनिकता के दौर में लोगों को मानसिक तनाव व अवसाद बड़ी समस्या है। बेरोजगारी, गरीबी, नशे की लत, तनाव को जन्म देती है। अवसाद में आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं। युवा अभिभावकों की डांट से नाराज होकर आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। इससे अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। मानसिक अवसाद दूर कैसे करें, इसके लिए विशेषज्ञों की राय महत्वपूर्ण है।

केजीके कॉलेज के प्राचार्य व मनोविज्ञान के विशेषज्ञ प्रो. सुनील चौधरी बताते हैं कि एक बच्चे के जीवन में उसकी संगति उसके जीवन को रूप देती है। जीवन में सच्चाई और अच्छाई के संस्कार यूं ही नहीं आते, बल्कि इसके पीछे परिवार और मित्रों का बड़ा सहयोग होता है। कोई भी व्यक्ति जैसी संगति में रहता है, उसी के अनुरूप उसकी आदतों और व्यवहार में परिवर्तन होता है। अच्छी संगति से जीवन सुखमय बीतता है।

मनोविज्ञान के विशेषज्ञ प्रो. सुनील चौधरी

संगति बुरी हुई तो जीवन दुखदाई हो जाता है। इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चों को हमेशा अच्छी संगति में बैठाना चाहिए। इस पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि गलत संगति में बच्चों को नशे की लत लग सकती है। इससे वह अपने जीवन का लक्ष्य तय नहीं कर पाएंगे। तनाव व अवसाद दूर करने के लिए युवाओं और हर वर्ग के लोगों को पूरी नींद लेनी चाहिए। मनोरंजन भी जरूरी है। जब आप किसी कारण से निराश हों तो चुनौतीपूर्ण कार्य करने से पहले शीशे के सामने खड़े होकर कहिए मैं कर सकता हूं। इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।

विफलता से सीख कर आगे बढ़ें
हिंदू कॉलेज की प्रो. डॉ. मीनू मेहरोत्रा बताती हैं कि अक्सर यह दिखने में आता है, जब लोग किसी व्यवसाय, छात्र परीक्षा में और युवा प्रेम संबंधों में विफल होता है तो वह मानसिक अवसाद में चला जाता है। इसे दूर करने के लिए गलत संगति में उसे नशे की लत लग जाती है। यह संगति के कारण होता है। अगर आप किसी नौकरी या व्यवसाय के न चलने से परेशान हैं तो आपको समझना होगा कि विफलता जीवन का एक पहलू है। युवा नौकरी न मिलने से मानसिक अवसाद में चले जाते हैं। इससे बचना होगा। उन्हें समझना चाहिए कि संसार में सभी को नौकरी नहीं मिल सकती है। इसलिए दूसरा बेहतर विकल्प चुनें।

डॉक्टर मीनू मेहरोत्रा

यह करें

  • दूसरे शहर के स्थान पर अपने शहर में रोजगार ढूंढने का प्रयास करें।
  • मोबाइल पर अधिक समय बिताने से बचें। अभिभावक अपने बच्चों पर अधिक समय दें।
  •  प्रेम में विफल होने पर परेशान न हों

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