शाहजहांपुर: पीएम आवासों के आवंटन से विधायक असंतुष्ट, शुरू हुई जांच

शाहजहांपुर: पीएम आवासों के आवंटन से विधायक असंतुष्ट, शुरू हुई जांच

शाहजहांपुर, अमृत विचार: जैतीपुर ब्लॉक के गांव डभौरा सिमरा में प्रधानमंत्री आवासों के आवंटन लेकर तिलहर विधायक असंतुष्ट हैं। विधायक की ओर से मामला प्राक्कलन समिति में उठाने के बाद जेडीसी ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने जिले में पहुंच कर संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना जिले में काफी संवेदनशील बनी हुई है।

योजना लाभार्थियों को लाभ देने के साथ-साथ अपात्रों के चयन को लेकर भी चर्चा में रहती है। अब तक कई बार आवासों के आवंटन में गड़बड़ी पकड़ी जा चुकी है। कई मामलों में तो पात्रता की जांच करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है। आवास योजना में गड़बड़ी का पहला मामला 13 अप्रैल 2023 को सामने आया था। पता चला था कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में अपात्रों को आवास दिए गए हैं, जिसमें पांच पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया।

जिनमें ग्राम पंचायत सचिव पवन कुमार, ग्राम पंचायत सचिव शशीविंद पाल, ग्राम पंचायत सचिव संजीव सिन्हा शामिल थे। इसी तरह दूसरे मामले में 03 अप्रैल 2023 को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अपात्रों को आवास स्वीकृत कर उनके खातों में पहली व दूसरी किस्त की धनराशि भेजने के मामले में दो ग्राम विकास अधिकारी ददरौल ब्लॉक में नियुक्त कुमारी शीतल और खुदागंज ब्लॉक में कार्यरत ग्राम पंचायत अधिकारी महेशकांत पांडेय को निलंबित किया गया था।

इसी तरह 14 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में भ्रष्टाचार को लेकर नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के अभियंता ज्ञान सक्सेना की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। अब पात्रों को आवास योजना के लाभ से वंचित करने का आरोप लगा है। तिलहर के विधायक वीर विक्रम सिंह ने प्राकलन समिति में प्रश्न उठाया था कि डभौरा गांव के कुछ लोग पीएम आवास के लिए पात्र थे। इसके बाद भी उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया है। विधायक के प्रश्न उठाने के बाद मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है।

कोडवर्ड में अंकित किए बयान: बृहस्पतिवार को संयुक्त विकास आयुक्त प्रदीप कुमार पांडेय जिले में पहुंचे। उन्होंने डीआरडीए के अधिकारियों के साथ मामले की जांच की। इस दौरान उन्होंने कोडवर्ड में कुछ लोगों के बयान व अन्य जानकारी को नोट किया। इससे मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है। अगर प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी मिली तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के कुछ पात्र लोगों को भी अपात्र कर दिया गया है। नियमों पर खरे उतर रहे कुछ गरीबों को भी पीएम आवास नहीं मिल सके हैं। इसलिए मैंने प्राक्कलन समिति में मामले को उठाते हुए मंडलीय समिति से जांच कराने की मांग की है। मैं चाहता हूं कि जिले भर के पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास मिलें। उम्मीद है कि समिति सही जांच करेगी और गलत तरीके से अपात्र घोषित किए गए लोगों को आवास मिल सकेंगे। -वीर विक्रम सिंह, विधायक, कटरा।

प्राकलन समिति के समक्ष विधायक वीर विक्रम सिंह प्रिंस ने प्रधानमंत्री आवासों को लेकर सवाल उठाया था। मामले की जांच के लिए संयुक्त विकास आयुक्त प्रदीप कुमार पांडेय ने जिले में पहुंच कर पड़ताल की है। -अवधेश राम, परियोजना निदेशक, डीआरडीए

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