इंस्पेक्टर की हत्या में पूर्व बसपा नेता को उम्र कैद, एडीजे आठ की कोर्ट ने सुनाया फैसला

कोर्ट ने एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया

इंस्पेक्टर की हत्या में पूर्व बसपा नेता को उम्र कैद, एडीजे आठ की कोर्ट ने सुनाया फैसला

कानपुर। चलती ट्रेन में इंस्पेक्टर की गोली मार कर हत्या करने के मामले में गुरुवार को 27 साल बाद फैसला आया। एडीजे आठ की कोर्ट ने फर्रुखाबाद के पूर्व बसपा नेता अनुपम दुबे को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले में अभियोजन की ओर से घटना के प्रत्यक्षदर्शियों समेत 18 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। 

डीजीसी क्रिमिनल दिलीप कुमार अवस्थी ने बताया कि 14 मई 1996 को अनवरगंज स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन में आर्थिक अपराध शाखा में तैनात इंस्पेक्टर राम निवास यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। ट्रेन के गार्ड आरके बाजपेई की ओर से पूर्व बसपा नेता अनुपम दुबे, उसके चाचा कौशल दुबे व नेम कुमार उर्फ बिलैया के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। तबसे मुकदमा चल रहा था।

वर्ष 2021 में यह केस एडीजे आठ राम अवतार प्रसाद की कोर्ट में आया, जिसके बाद मामले ने तेजी पकड़ी। गुरुवार को घटना के 27 साल बीतने के बाद कोर्ट ने आरोपी बसपा नेता अनुपम दुबे को घटना का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई। केस की सुनवाई के दौरान कौशल दुबे व नेम कुमार उर्फ बिलैया की मौत हो गई थी। डीजीसी क्रिमिनल ने बताया कि घटना के प्रत्यक्षदर्शी मुलायम सिंह समेत 18 गवाह कोर्ट में पेश किए गए, जिन्होंने बसपा नेता के खिलाफ बयान दिए।

दर्ज एफआईआर के अनुसार इंस्पेक्टर राम निवास यादव 14 मई 1996 को एक मामले में फर्रुखाबाद कोर्ट में पेश होने गए थे। कोर्ट में अनुपम दुबे, नेक कुमार उर्फ बिलैया भी पहुंचे थे। करीब एक घंटे वहां रुकने के बाद इंस्पेक्टर राम निवास पैसेंजर ट्रेन से कानपुर रवाना हो गए थे। बसपा नेता अपने चाचा कौशल व नेक कुमार बिलैया के साथ इंस्पेक्टर का जीप से पीछा करते हुए रावतपुर स्टेशन पहुंचा।

रावतपुर स्टेशन पर तीनों आरोपी ट्रेन में सवार हुए और अनवरगंज स्टेशन पर पहुंचने से पहले चलती ट्रेन में इंस्पेक्टर की गोली मार कर हत्या कर दी थी। अनवरगंज में ट्रेन के गार्ड आरके बाजपेई ने इंस्पेक्टर का शव देख मामले की जानकारी जीआरपी को दी थी। गवाह दरोगा रघुवीर सिंह, कोर्ट मोहर्रिर उमाकांत दीक्षित ने कोर्ट में गवाही दी कि मृतक इंस्पेक्टर के मौजूद रहने तक अनुपम व नेक कुमार फर्रुखाबाद की अदालत में मौजूद रहे थे और उनके जाने के बाद वह भी चले गए थे।

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