महुआ मोइत्रा से संबंधित आचार समिति की रिपोर्ट सोमवार को सूचीबद्ध, लेकिन अभी तक नहीं हुई पेश 

महुआ मोइत्रा से संबंधित आचार समिति की रिपोर्ट सोमवार को सूचीबद्ध, लेकिन अभी तक नहीं हुई पेश 

नई दिल्ली। लोकसभा की आचार समिति की वह रिपोर्ट सोमवार को सदन की कार्यसूची के अनुसार पेश की जानी थी जिसमें तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के आरोप में निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। लेकिन इसे सदन में प्रस्तुत नहीं किया गया जिस पर विपक्ष के कुछ सांसदों ने हैरानी जताई।

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यह रिपोर्ट प्रश्नकाल के बाद प्रस्तुत करने के लिए सूचीबद्ध थी। लेकिन भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही पुन: आरंभ होने तक भी इसे पेश नहीं किया गया। सदन की बैठक सुबह एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे पुन: शुरू हुई तो केंद्रीय मंत्रियों ने संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए।

इस दौरान भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने के लिए पेश किये जा चुके तीन विधेयकों से जुड़ी रिपोर्ट भी सदन में प्रस्तुत की गईं। लेकिन पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने सोमवार की कार्यसूची में पांचवें क्रम पर सूचीबद्ध रिपोर्ट का उल्लेख नहीं किया।

बाद में मोइत्रा ने संवाददाताओं से कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने आसन से पूछा था कि कार्यसूची में अंकित इस ‘आइटम’ को क्यों नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्य के. सुरेश और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने भी यह सवाल उठाया लेकिन इसका उत्तर नहीं मिला।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि रिपोर्ट किस कारण से प्रस्तुत नहीं की गई, उसका कारण समिति को ज्यादा अच्छी तरह पता होगा। उन्होंने कहा कि कोई वजह रही होगी जिसने उन्हें सोमवार को रिपोर्ट पेश नहीं करने के लिए बाध्य किया। चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आज या कल, किसी दिन तो यह पेश की जाएगी।’’

मोइत्रा ने कहा कि वह रिपोर्ट पेश किये जाने के बाद ही इस पर टिप्पणी करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने इसे पांचवें क्रम पर अंकित किया था। मुझे संसदीय प्रक्रिया की अधिक जानकारी नहीं है, उन्हें सब कुछ पता है। जहां तक मुझे पता है, यदि यह क्रम संख्या पांच पर है तो इसे कम से कम पढ़ा जाना चाहिए। देखते हैं कि वे इसे कब लाते हैं।’’ सदन की सोमवार की कार्यसूची के अनुसार आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर को समिति की प्रथम रिपोर्ट सदन के पटल पर पेश करनी थी।

समिति ने गत नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने’ के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था। समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था। इनमें कांग्रेस से निलंबित पार्टी सांसद परणीत कौर भी शामिल थीं। समिति के चार विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट दिए थे।

विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को ‘फिक्स्ड मैच’ करार देते हुए कहा था कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की जिस शिकायत पर समिति ने विचार किया, उसके समर्थन में ‘सबूत का एक टुकड़ा’ भी नहीं था। यदि सदन समिति की सिफारिश के पक्ष में मतदान करता है तो मोइत्रा को सदन से बर्खास्त किया जा सकता है। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ और घोषित कार्यक्रम के अनुसार यह 22 दिसंबर तक चलेगा।

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