हल्द्वानी: 'टाइगर' के लिए तोड़ा प्रोटोकॉल, सम्मान देने के चक्कर में रोक दिया शहर का यातायात

हल्द्वानी: 'टाइगर' के लिए तोड़ा प्रोटोकॉल, सम्मान देने के चक्कर में रोक दिया शहर का यातायात

हल्द्वानी, अमृत विचार। कॉलेज के दिनों में दोस्तों के बीच 'टाइगर' के नाम से मशहूर डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) अशोक कुमार को उनकी सेवानिवृत्त से पहले नैनीताल पुलिस ने सम्मान देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी और इसी मान-सम्मान के चक्कर में पुलिसिंग सड़क पर तार-तार हो गई।

डीजीपी को दिक्कत न हो इसलिए पुलिस ने नियमों को ताक पर रखकर यातायात को रोक दिया। उन्हें ऐसा महसूस कराया गया जैसे वे कोई लोकसेवक नहीं बल्कि मुख्यमंत्री हों। ये तो डीजीपी को भी भान नहीं होगा कि इस सबसे जनता को कितनी दिक्कत हुई होगी, नहीं तो शायद वे खुद ही पुलिस को ऐसा करने से रोकते।

जब शहर में मुख्यमंत्री सरीखे अति विशिष्ट लोगों का आगमन होता है तो उन्हें सुरक्षित गुजारने के लिए यातायात को कुछ पल के लिए रोक दिया जाता है। ये मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल का हिस्सा है, लेकिन जानकार लोगों के अनुसार ये प्रोटोकॉल एक लोक सेवक के लिए नहीं होता, फिर वह राज्य का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी ही क्यों न हो। डीजीपी अशोक कुमार 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इससे पहले 28 नवंबर को उनके सम्मान में नैनीताल पुलिस ने रामपुर रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में विदाई समारोह आयोजित किया।

डीजीपी अपने लाव-लश्कर के साथ थे और इस लश्कर के गुजरने से पहले ही पुलिस ने रामपुर रोड से जुड़ने वाले तमाम रास्तों को ब्लॉक कर दिया। कार्यक्रम समाप्ति के बाद जब डीजीपी का काफिला वापस गुजरा तब भी यही किया गया। आलम यह था कि डीजीपी के गुजरने वाले रूट पर जगह-जगह पुलिस तैनात कर दी गई थी और सड़क के किनारों पर चूना डाल दिया गया था। इस मामले में पुलिस का पक्ष जानने के लिए एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा को फोन किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।