उत्तरकाशी: ऑपरेशन सिलक्यारा - मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन का आज छठा दिन, PMO लगातार नजर बनाए हुए

उत्तरकाशी: ऑपरेशन सिलक्यारा - मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन का आज छठा दिन, PMO लगातार नजर बनाए हुए

उत्तरकाशी अमृत विचार। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में तकरीबन 40 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन आज छठवें दिन भी जारी है। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अभी तक 24 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। यह ड्रिलिंग अमेरिकी ऑगर मशीन से की गई है। वहीं आज सुबह  ड्रिलिंग के वक्त एक बोल्डर मशीन के आगे आया था। जिससे थोड़ा विलंब हुआ है।

वहीं सीएम धामी ने कहा कि  40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) लगातार नजर बनाए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभियान की प्रगति का लगातार अपडेट ले रहे हैं।

इधर सुरंग के बाहर फंसे हुए परिजनों ने अधिकारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का भी एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि सुरंग में घटना घट जाने के बाद ह्यूम पाइप डाले जा रहे हैं जबकि सुरंग बनने के साथ ही ह्यूम पाइप डाले जाने चाहिए थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों के साथ सुरंग के बाहर दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दीपावली का अवकाश था तो उस दिन सुरंग के अंदर काम क्यों किया जा रहा था। उन्होंने सुरंग में बचाव कार्य के दौरान अधिकारियों के बीच सामंजस्य न होने का आरोप भी लगाया।

इधर परिजनों ने आरोप लगाया है कि लगातार नए प्लान बनाए जा रहे हैं लेकिन एक भी प्लान सार्थक सिद्ध नहीं हो पा रहा है। इस बीच जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सिलक्यारा पहुंचे। रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल व एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खल्को ने उन्हें निर्माणाधीन सुरंग व रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने सुरंग के अंदर जाकर भी भूस्खलन वाली जगह का निरीक्षण किया। इस दौरान वीके सिंह ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालना पहली प्राथमिकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर सभी एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं।  कहा कि जब रेस्क्यू शुरू हुआ तो मलबा गिर रहा था। इसलिए मशीन से यहां ड्रिलिंग कर लोगों को बचाने का निर्णय लिया गया, लेकिन पुरानी मशीन में कुछ रुकावट आई। अब नई मशीन लगाई गई है, जिसकी पावर और स्पीड पुरानी मशीन से ज्यादा है। कोशिश है कि यह रेस्क्यू कार्य जल्द खत्म हो जाए।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम तक 12 मीटर पाइप अंदर डाला गया है। इन पाइपों को वेल्डिंग कर जोड़ने में एक से दो घंटे का समय लग रहा है। वहीं पाइपों का एलाइनमेंट सही रखने की भी चुनौती बनी हुई है। बता दें कि बीते रविवार को हुए भूस्खलन से सिलक्यारा सुरंग में 70 मीटर तक मलबा फैला हुआ है। जिस गति से नई मशीन ड्रिलिंग कर रही है, उसे देखकर यही लगता है कि अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 48 घंटे का समय और लग सकता है। अभी अमेरिकी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। अभी तक 24 मीटर ड्रिलिंग हो पाई है। जबकि बृहस्पतिवार शाम तक ड्रिलिंग कर 12 मीटर पाइप मलबे में डाले गए थे। छह मीटर का एक पाइप है। अमेरिकी ऑगर मशीन से 900 एमएम व्यास के करीब करीब 10 से 12 पाइप डाले जाने हैं।