Chhath Puja 2023: छठ पूजा 17 नवंबर से हो रही शुरू, गन्दगी के बीच वेदी बनना शुरू, नहीं हुई पूरी सफाई

छठ पूजा 17 नवंबर से हो रही शुरू हो रही है।

Chhath Puja 2023: छठ पूजा 17 नवंबर से हो रही शुरू, गन्दगी के बीच वेदी बनना शुरू, नहीं हुई पूरी सफाई

छठ पूजा 17 नवंबर से हो रही शुरू हो रही है। सफाई नहीं होने के कारण गन्दगी के बीच वेदी बनना शुरू हो गई। सफाई न होने से स्थानीय लोगों में रोष है।

कानपुर, अमृत विचार। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ शुरू होनी है। लेकिन, मंगलवार शाम तक शहर के प्रमुख घाटों की सफाई नहीं हुई है।

पनकी से साकेत नगर सचान चौराहा तक नहर के प्रमुख घाट से नगर निगम और सिंचाई विभाग ने मिलकर कुल 800 टन गंदगी बाहर निकाली है। लेकिन, अभी भी नहरों में इतनी ही गंदगी और है। इससे छठ पर्व मनाने वाले लोगों में रोष है। गंदगी के बीच ही लोग घाट के किनारे वेदी बनाने को मजबूर हैं।  

छठ पर्व पर लाखों की संख्या में व्रती महिलाएं भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए नदियों व नहर किनारे पहुंचेंगी। शहर में भी इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। अर्मापुर नदी किनारे छठ पर्व का सबसे बड़ा आयोजन किया जाता है। नदी और नहर किनारे वेदियों की सजावट की जा रही है और घाटों को सुंदर बनाया जा रहा है। गोला घाट, सिद्धनाथ घाट, सीटीआई नगर, सचान नहर, पनकी नहर, अर्मापुर नहर, शास्त्री नगर में सार्वजनिक पूजन होगा। इसके साथ ही गंगा में गंगा बैराज , मैस्कर घाट और गोला घाट आदि जगहों पर पूजन होगा।  

पांच जगह बनेंगे कृत्रिम तालाब

अपार्टमेंट्स में भी कृत्रिम तालाब बनाकर पूजन की तैयारी है। छठ पूजा को लेकर नगर निगम ने भी तैयारी शुरू कर दी हैं। इसके लिए पांच कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे, जहां 20 हजार लोग पूजा कर सकेंगे। इसमें बड़ा सेंट्रल पार्क शास्त्रीनगर, छोटा सेंट्रल पार्क शास्त्रीनगर, पीली कालोनी पार्क शास्त्रीनगर, जेपी पार्क विजयनगर, आनंदराव पार्क शास्त्रीनगर में कृत्रिम पार्क का निर्माण कराया जाएगा। 

चार दिन पूजन की प्रक्रिया

17 नवंबर को नहाय खाय: नहाय खाय के साथ छठ पूजन की शुरुआत होगी। इसमें लौकी और भात ग्रहण किया जाता है। व्रती महिला घर के एक कमरे में पूजन कर अखंड ज्योति जलाती हैं।
18 नवंबर को खरना: गन्ने के रस में चावल को पकाकर सुहागिनें ग्रहण करती हैं। इसी के साथ निर्जला व्रत की शुरुआत हो जाती है। रंगोली बनाकर मां का पूजन और कथा श्रवण किया जाता है।
 19 नवंबर को संध्या अर्घ्य: घाटों पर संध्या अर्घ्य पूजन किया जाएगा। व्रती महिलाएं पुत्र और पति के साथ सरोवर के जल में खड़े होकर भगवान सूर्य और छठी मइया का पूजन करती हैं और अर्घ्य देती हैं।
20 नवंबर को उदयागामी सूर्य अर्घ्य: व्रती महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। भोर पहर सरोवर के जल में खड़े होकर सूर्य देवता को जल अर्पित करती हैं और अर्घ्य के बाद सुहागिनों द्वारा मांग भरने की रस्म की जाती है। पूजन के बाद ठेकुआ का प्रसाद वितरित किया जाता है।

नहरों की शुरू हुई सफाई 

महापर्व छठ की तैयारियां में लोगों ने नहर किनारे वेदियां बनाना शुरू कर दी हैं, लेकिन यहां अव्यवस्था हावी है। नहरें कूड़े-कचरे से पटी पड़ी हैं। गंदगी के चलते किनारों पर बैठना तक मुश्किल है। सीटीआई नहर और पटेल चौक के पास नहरों की सफाई आज से शुरू की गई है। 

यहां होता है छठ पर्व का आयोजन 

अर्मापुर, पनकी, रतनपुर, नौरैयाखेड़ा, कारगिल पेट्रोल पंप, साकेत नगर, दबौली वेस्ट, सीटीआई नहर, शास्त्री नगर छोटा और बड़ा पार्क, नमक फैक्ट्री ग्रीनबेल्ट, अर्मापुर केंद्रीय विद्यालय दो, कमला नगर, जेपी पार्क, डबलपुलिया ढाल पर कुछ घाटों की सफाई की है। 

हेल्पलाइन नंबर पर करें फोन 

केंद्रीय छठ पूजा समिति की टास्क फोर्स समिति के लोगों के पास हेल्पलाइन नंबर 80527878 पर फोन आने पर जाकर स्वयं छठ घाटों की सफाई कराई जाएगी।

शहर में अर्मापुर, सीटीआई, साकेत नगर, अंबेडकर पुरम समेत कई घाटों व नहरों की सफाई अभी तक नहीं हुई है। जबकि यहां बड़े आयोजन होते हैं।- संतोष गहमरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भोजपुरी महासभा

अभियंत्रण और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को छठ पूजा स्थलों की सफाई के साथ ही पैचवर्क और कृत्रिम तालाबों के निर्माण का निर्देश दिया गया है।- शिवशरणप्पा जीएन, नगर आयुक्त

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