दीपोत्सव ने अयोध्या को दिलाई अन्तरराष्ट्रीय पहचान : डीएम
अवध विश्विद्यालय में हुआ घाट प्रभारी, समन्वयकों और स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण

अयोध्या, अमृत विचार। डाॅ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दीपोत्सव की सफलता के लिए शनिवार को स्वामी विवेकानंद सभागार में घाट समन्वयकों, घाट प्रभारी और स्वयंसेवकों की प्रशिक्षण कार्यशाला हुई।अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल ने कहा कि 21 लाख से अधिक दीए 25 हजार से अधिक स्वयंसेवक अनुशासन में रहते हुए दीए प्रज्ज्वलित करेंगे। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के स्वयंसेवक प्रत्येक वर्ष दीपोत्सव में इतिहास बना रहे हैं। दीपोत्सव ने अयोध्या को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलाई है।
उन्होंने बताया कि दीपोत्सव में राम की पैड़ी विश्व का सबसे बड़ा स्क्रीन लगाया गया है। इससे दर्शक साउंड एवं लाइट का आनंद ले सकेंगे। एडीएम सिटी सलिल पटेल ने स्वयंसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि सावधानी पूर्वक दीए में तेल व बाती लगाये एवं दिए गए समय पर ही दीप प्रज्ज्वलित करे। जिला प्रशासन द्वारा स्वयंसवकों के लिए बसों की व्यथा की गई है। एसपी सिटी अयोध्या मधूसुदन सिंह ने कहा दुपहियां वाहनों मंत्रार्थ मंडप में पार्किेग के लिए नियत किया गया है। कोई स्वयंसेवक अपने दीपोत्सव आई कार्ड सोशल मीडिया पर साझा न करें। इसके अतिरिक्त अन्य को अपना पहचान पत्र न सौपे। स्वयंसेवक अपने साथ पिट्ठू बैग लाने से बचे।
नोडल अधिकारी प्रो संत शरण मिश्र ने बताया इस वर्ष 21 लाख के सापेक्ष 24 लाख दीए बिछाये एवं जलाये जायेंगे। 7 नवम्बर से घाटों पर दीए पहुॅचने लगेंगे। 8 नवम्बर से स्वयंसेवकों द्वारा 51 घाटों पर दीए सजाने का कार्य शुरू होगा। 11 नवम्बर की शाम प्रज्ज्वजित किए जायेंगे।
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