बरेली: IVF से होगी बछड़ों की एडवांस प्रजाति विकसित, वैज्ञानिक तैयार कर रहे प्लान

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बरेली, अमृत विचार। मनुष्यों के बाद गाय और भैंस में भी आईवीएफ की तकनीक पर आईसीएआर के निर्देश पर आईवीआरआई के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट से गाय-भैंसों की विभिन्न प्रजातियों में दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी के साथ ही भविष्य में दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए तैयार किया जाएगा।
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आईवीआरआई के पशु पुनरुत्पादन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. बृजेश के अनुसार इस प्रोजेक्ट में आईसीएआर की ओर से करीब 11 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है। इसमें गर्भ धारण के बाद गाय-भैंस के गर्भ में हार्मोनल थैरेपी के माध्यम से दूध अधिक देने वाले जीन को अपग्रेड किया जाएगा। ये प्रक्रिया लैब में पूरी होने के बाद अंडाणुओं को बेहतर नस्ल के सांड के शुक्राणुओं से निषेचित कराया जाएगा। जिससे गर्भाधान के सातवें दिन लैब में तैयार भ्रूण को गाय- भैंस में इन्सर्ट किया जाएगा।
इससे अच्छी नस्ल की बछिया जन्म लेंगी। इस प्रोजेक्ट में डाॅ. बृजेश के अलावा डाॅ. विक्रांत, डाॅ. विकास चंद्र, डाॅ. एमके पात्रा बतौर टीम अध्ययन करेंगे। इस संबंध में आईवीआरआई निदेशक डाॅ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए आईसीएआर की ओर से बजट आवंटित किया जा चुका है।
वैज्ञानिकों की ओर से शुरुआती कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद अध्ययन शुरू किया जाएगा। इस अध्ययन से आईवीआरआई आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर गाय- भैंस की नस्ल तैयार करेगा। निश्चित रूप से इससे किसानों की आय में दोगुनी बढ़ोतरी होगी।
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