पठानकोट, पुलवामा या हो पहलगाम... भारत में हुए हर हमले के पीछे सिर्फ एक ही शख्स, जानें कौन?
इस्लामाबाद: पिछले छह सालों में भारत पर हुए बड़े आतंकी हमलों के पीछे सिर्फ एक ही शख्स का नाम बार-बार सामने आ रहा है। ये शख्स हाफिज असीम मुनीर है, जो इस समय पाकिस्तानी सेना का जनरल है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पठानकोट अटैक, 2019 में हुआ पुलवामा हमला और अब 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमला... हर बड़ी साजिश को हरी झंडी देने वाला यही शख्स है। हाफिज असीम मुनीर का आतंकी संगठनों से गहरा नाता बताया जाता है। भारत के खिलाफ इसकी नफरत पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को दिखाती हैं।
1968 में पाकिस्तान में जन्मे असीम मुनीर अपनी कट्टरपंथी विचारधारा के लिए जाना जाता है। उनके परिवार को स्थानीय लोग ‘हाफिज परिवार’ के नाम से जानते हैं, क्योंकि इनके परिवार के कई सदस्यों को कुरान पूरी तरह कंठस्थ है। वहीं मुनीर ने भी लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में सऊदी अरब में तैनाती के दौरान कुरान याद की थी।
25 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल में उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर प्रमोशन दिया गया था और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का प्रमुख बनाया गया था। यहीं से भारत के खिलाफ उनकी साजिशों का सिलसिला शुरू हो गया।
पुलवामा हमले से बालाकोट तक
ISI प्रमुख बनते ही मुनीर ने भारत के खिलाफ अपनी आतंकी साजिशों को तेज कर दिया। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को मुनीर का नाम सामने आया। कहा गया की मुनीर की देखरेख में ही घटना को अंजाम दिया गया। इस हमले के 12 दिन बाद, जब भारत ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, तब भी मुनीर ISI के प्रमुख थे। सूत्रों के मुताबिक, मुनीर ने ही पाकिस्तानी सरकार पर भारत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का दबाव बनाया, लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी। इसका नतीजा यह रहा कि जून 2019 में उन्हें ISI प्रमुख के पद से हटाकर दूसरी रेजिमेंट का कमांडर बना दिया गया।
आतंकी संगठनों से हैं गहरे रिश्ते
पाकिस्तानी सेना प्रमुख बनने ही मुनीर ने भारत के खिलाफ आतंकी अभियानों को अपनी निगरानी रखनी शुरू की। लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद को जेल से रिहा करवाने और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को सरकारी संरक्षण देने में मुनीर की व्यक्तिगत भूमिका रही। दोनों खतरनाक आतंकी आज भी पाकिस्तान में सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। मुनीर का आतंकी संगठनों के इन बड़े चेहरों से निजी संबंध हैं, जो भारत के खिलाफ उनकी साजिशों को और खतरनाक बनाते हैं।
पहलगाम हमले में भी इनका हाथ?
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पिछले चार महीनों से कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की साजिश रची जा रही थी, जिसमें मुनीर की अहम भूमिका थी। सूचना के मुताबिक, इन साजिशों को लेकर हुई एक बैठकों में मुनीर खुद भी कभी-कभी शामिल हुए करते थे। इतना ही नहीं, इन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी को पाकिस्तानी सेना के कोर कमांडर कार्यालय में बुलाकर लेक्चर देने का मौका दिया गया और उसका फूलों से स्वागत भी किया। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे भी माना जा रहा है की मुनीर का दिमाग है।
