बरेली: अंजुमन के जुलूस में DJ बजाने के लिए परमिशन की मांग, धार्मिक संगठन पर डराने का आरोप
बरेली, अमृत विचार। शहर में बुधवार को जश्न-ए-ईद मिलाद उन नबी के उपलक्ष्य पर निकाले जाने वाले जुलूस में डीजे लाने पर प्रतिबंध के विरोध में कई अंजुमनों का प्रतिनिधिनमंडल आज कलेक्ट्रेट पहुंचा। जिसने ईद मिलाद उन नबी के जश्न में जुलूस की शक्ल में निकलने वाली अंजुमनों में डीजे बजाने के लिए परमिशन की मांग की है।
इसको लेकर अंजुमन प्रतिनिधिनमंडल ने जिलाधिकारी की गैर मौजूदगी में सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा है। इसके बाद अंजुमन प्रतिनिधिमंडल में शामिल पदाधिकारियों ने बताया कि ईद मिलाद उन नबी के जश्न में पुराना शहर और नया शहर से हर साल करीब 120 अंजुमनें जुलूस की शक्ल में निकलती रही हैं। जिसमें हर साल अंजुमनें अपना-अपना डीजे लगाकर मध्यम ध्वनि में बजाती हैं, जो कोई नई परंपरा नहीं है। बल्कि यह सालों से चला आ रहा है। इससे किसी धर्म विशेष को कोई शिकायत नहीं रही है, क्योंकि अंजुमन का जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से निकाला जाता है।
वहीं इस बार भी किसी विवाद की आशंका नहीं है, ऐसे में हमेशा की तरह इस बार भी अंजुमन के जुलूस में डीजे बजाने की परमिशन दी जानी चाहिए।
इस दौरान अंजुमन प्रतिनिधिमंडल के सदस्य शेख मुमताज सक़लैनी ने कि उन्हीं के धार्मिक संगठनों की तरफ से अंजुमन के जुलूस में डीजे न लाने का दबाव बनाया जा रहा है। बात नहीं मानने पर पुलिस द्वारा डीजे सीज कराके अन्य कार्रवाई के लिए धमकाया जा रहा है। जिससे करीब 120 अंजुमनों में शामिल हजारों अकीदतमंद निराश हैं। उनका कहना है कि वह समाज में आपसी भाईचारे के बीच शांतिपूर्ण अंजुमन का जुलूस निकालेंगे। इसके लिए उन्हें डीजे लाने की अनुमति मिलनी चाहिए।
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