बरेली: किसी खतरे से कम नहीं बैरियर चौकी से बड़ा बाईपास तक सफर

बरेली: किसी खतरे से कम नहीं बैरियर चौकी से बड़ा बाईपास तक सफर

बरेली, अमृत विचार। पीलीभीत रोड का शहरी सीमा में आने वाला करीब 11.5 किलोमीटर का हिस्सा वैसे तो तमाम सालों से ऊबड़खाबड़ है लेकिन अब गहरे गड्ढों से उसकी हालत असहनीय हो गई है। सड़क को गड्ढामुक्त किए जाने की उम्मीदें हवाई दावों में उलझकर रह गई हैं।

2019 में इस सड़क को फोरलेन कराने का दावा किया गया था लेकिन शासन से बजट नहीं मिला। दिक्कतों से जूझते लोगों को दो साल फोरलेन का इंतजार कराने के बाद 2021 में सड़क को सिक्स लेन कराने की घोषणा कर दी गई मगर अब तक यह प्रस्ताव भी शासन में मंजूर नहीं हुआ है।

इस बीच साल दर साल गड्ढामुक्ति का बजट जरूर इस सड़क के नाम पर खपता रहा लेकिन उसकी हालत में कोई बदलाव नहीं आया। पीडब्ल्यूडी के अफसर कभी ओवरलोडिंग तो कभी बारिश को सड़क खराब होने की वजह बताकर पल्ला झाड़ते रहे।

अब बैरियर टू पुलिस चौकी से बड़ा बाईपास तक का हिस्सा इतना ज्यादा खराब हो चुका है कि आलीशान कारों में बैठे लोगों की भी धक्के खाकर हालत खराब हो जाती है। गाड़ियों की चूलें हिल जाती हैं, वह अलग। दिलचस्प बात यह है कि सड़क के इस सबसे खराब हिस्से के बीच ही एयरपोर्ट है, जहां अफसरशाही और सियासत की कई बड़ी शख्सियत का रोज आना-जाना होता है लेकिन सिस्टम पर फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

पिछले दो महीनों में बारिश का मौसम गुजरने के बाद इस सड़क की हालत और खराब हुई है। कई गड्ढे एक से दो फुट तक गहरे हो गए हैं। इनमें गाड़ियां फंसती हैं, बाइक और स्कूटी से निकलने वाले लोग गिरकर घायल होते रहते हैं। एयरपोर्ट शुरू होने के बाद इस सड़क को उच्च गुणवत्ता के साथ बनवाने का दावा करने वाले शहर के जनप्रतिनिधि फिर भी बेखबर बने हुए हैं। फोर लेन और सिक्स लेन का दावा कर लंबा वक्त काट चुके अफसर अब जल्द इस रोड पर गड्ढे भरवाकर पैचवर्क कराने की बात कह रहे हैं।

पीड़ा... भ्रष्टाचार की वजह से ये हालत
सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए हर साल करोड़ों का बजट मिलता है लेकिन भ्रष्टाचार में उड़ जाता है। इसी वजह से सड़कें समय से पहले ही जर्जर हो जाती हैं। -सुनील सिंह

अधिकारी कुछ भी दावे करें, पीलीभीत रोड के गड्ढे सालों से जैसे के तैसे हैं। सबकुछ कागजों में हो जाता है और सरकार भी बेखबर बनी रहती है।-सर्वजीत, राहगीर

पीलीभीत रोड का बहुत बुरा हाल है। बैरियर टू से बड़ा बाईपास तक सौ मीटर का भी कोई टुकड़ा ठीक नहीं है। लोग जिंदगी दांव पर लगाकर सफर करते हैं। मुकेश, राहगीर

सड़कों को गड्ढामुक्त करने का दावा झूठा है। पीलीभीत रोड पर बैरियर टू चौकी से बड़ा बाईपास तक सैकड़ों गड्ढे अफसरों और जनप्रतिनिधियों का झूठ बताने को काफी हैं। -विकास शर्मा, राहगीर

बारिश से खराब हुई सड़कों की मरम्मत तेजी से की जा रही है। पीलीभीत रोड पर कुछ महीने पहले ही पैच वर्क कराया था। बैरियर टू चौकी से बड़ा बाईपास तक गहरे गड्ढे होने की जानकारी मिली है। एक-दो दिन में काम शुरू करा दिया जाएगा। -नारायण सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड

कागजों में सफर कर रहे हैं ऐसे न जाने कितने वादे पीलीभीत बाईपास को सिक्सलेन करने के चौथे प्रस्ताव भी शासन से कोई जवाब नहीं
पीलीभीत बाईपास को सिक्स लेन करने के लिए तत्कालीन कमिश्नर संयुक्ता समद्दार के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने कई बार प्रस्ताव तैयार किए लेकिन हर बार कोई नया अड़ंगा लग गया। दो महीने पहले कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने चौथी बार सेटेलाइट से बड़ा बाईपास तक करीब 11.32 किमी लंबी सड़क को सिक्स लेन बनाने के लिए 230 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा लेकिन मंजूरी नहीं मिली। 

एक्सईएन नारायण सिंह एक-दो महीने में बजट स्वीकृत होने की बात कह रहे हैं। दो महीने पहले भी उन्होंने यही दावा किया था। 2021 से अब तक इस सड़क को सिक्सलेन करने के लिए सिर्फ कागजों में काम चल रहा है। सड़क को बीडीए को हैंडओवर करने की भी बात कही जा रही है।

बरेली-लखनऊ हाईवे को सिक्सलेन करने का प्रस्ताव भी कागजों में
बरेली-लखनऊ हाईवे को सिक्सलेन करने का प्रस्ताव भी लंबे समय से उलझा हुआ है। करीब 12 साल पहले इस हाईवे को फोरलेन करने का काम शुरू हुआ था जो अब तक कई जगह अधूरा पड़ा है। एनएचएआई की ओर से इसे चौड़ा कराकर सिक्सलेन कराने का प्रस्ताव सरकार को दिया गया है। इसके लिए पिछले साल सर्वे कराया जा चुका है लेकिन उसके बाद अब तक कुछ नहीं किया गया है।

डेलापीर मंडी और सौफुटा रोड भी होनी है सिक्सलेन
डेलापीर मंडी के सामने सौ फुटा तिराहे पर आए दिन लगने वाले जाम से शहर के लोगों राहत दिलाने के लिए डेलापीर तिराहे से लेकर एयरपोर्ट तक सड़क को सिक्सलेन किया जा रहा है। यह काम भी काफी समय से चल रहा है। अफसरों का दावा है कि दोनों ओर से अतिक्रमण हटाकर सड़कों को साफ किया जा रहा है।

10 हजार से ज्यादा पेड़ कट चुके हैं सड़कों को चौड़ा करने के लिए
सड़कों की हालत उतनी तेजी से नहीं सुधर रही है, जितनी तेजी से उन्हें चौड़ा करने के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा है। पेड़ों का सबसे ज्यादा सफाया स्मार्ट सिटी की एक दर्जन से ज्यादा सड़कों को सजाने के लिए किया गया है। दो साल में डोहरा रोड, सेटेलाइट तिराहे से नरियावल, सेटेलाइट से शहामतगंज, शहामतगंज से गांधी उद्यान, स्टेडियम रोड, गांधी उद्यान से चौकी चौराहा, चौकी चौराहा से पटेल चौक, बदायूं रोड, बीसलपुर रोड, डेलापीर रोड को चौड़ा करने के लिए 10 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटा जा चुका है। ढाई हजार पेड़ ट्रांसलोकेट किए गए थे लेकिन ज्यादातर नष्ट हो गए।

शुरू होने में नहीं आ रहा लालफाटक फोरलेन प्रोजेक्ट
लालफाटक क्रॉसिंग से रामगंगा तिराहे तक 4.3 किमी सड़क फोरलेन की जानी है। दो साल पहले इसके लिए 36 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। इस साल 31 मार्च तक पीडब्ल्यूडी को काम पूरा करना था। सड़क चौड़ी करने के लिए उसके दोनों ओर सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं। कुछ काम करने के बाद छोड़ दिया गया है। अब तक यह सड़क फोरलेन नहीं हो पाई है।

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