मुरादाबाद : गीता ने रुक्मिणी का कराया था प्रसव, 30,000 में खरीदी थी उसकी बेटी
गीता भगतपुर और शबनम सिविल लाइन में संचालित करती है प्रसव केंद्र, कोलकाता व आगरा में बेच चुकी हैं एक-एक बच्चा

मैनाठेर थाने में मौजूद गिरफ्तार मानव तस्करी करने वाली महिलाएं व पुरुष।
निर्मल पांडेय, अमृत विचार। नीतू-साजिया के कब्जे से बरामद नवजात शिशु (लड़की) को गीता रानी सैनी ने रुक्मिणी से 30 हजार रुपये में खरीदा था। वैसे बच्चों की खरीद-फरोख्त में गिरफ्तार हुई चार महिलाओं में दो ने डिलीवरी सेंटर खोल रखे हैं, जहां ये लोग गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी भी कराती हैं। इसमें अविवाहित गीता रानी सैनी ने भगतपुर में प्रसव केंद्र खोल रखा था, जबकि उसकी साथी शबनम सिविल लाइन में ही अपने मुहल्ले में प्रसव केंद्र संचालित कर रही थी।
नीतू के प्रसव केंद्र में गौरव कुमार और साजिया गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराती थीं। ये दोनों सरकारी व निजी अस्पतालों में भी गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए ले जाती थीं और कमीशन लेती रही हैं। गर्भवती महिलाओं के प्रसव के बहाने यह उन लोगों के भी संपर्क में रहते हैं, जिनके बच्चे अधिक हैं या वे परिवार जिन्हें बच्चों की जरूरत नहीं है अथवा वह महिला जो शिशु की परवरिश करने में असमर्थ होती हैं। उनको यह प्रलोभन देकर उनका बच्चा खरीद लेती थीं। मेल (पुरुष) बच्चे की अधिक मांग रहती है। इसलिए वह ऐसे मेल बच्चों की तलाश में रहती थीं। ऐसे में सरकारी अस्पताल के लोगों का भी इस मानव तस्करी के धंधे से जुड़े होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
मैनाठेर थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि शुक्रवार को जिन चार महिलाओं समेत छह लोगों को दबोचा गया है। उनमें सबसे पहले मुखबिरी पर गागन तिराहे के पास से तीन लोगों को नीतू, साजिया और गौरव को एक साथ पकड़ा। ये लोग बच्चे की डिलीवरी देने को दिल्ली निकलने वाले थे। तीनों से बच्चे के बारे में पूछताछ की तो बताया कि उन्हें शबनम ने दिया है और जब शनबम तक पहुंचा गया तो उसने गीता का नाम बताया। गीता ने स्वीकार किया कि उसने अपने भगतपुर प्रसव केंद्र पर बिलारी की रुक्मिणी की पांच दिन पहले डिलीवरी कराई थी। उसी रुक्मणी ने उसे नवजात बेटी गोद लेने के नाम पर दी थी।
रुक्मिणी के पहले से ही तीन बच्चे हैं। इसलिए उसने गीता को 30 हजार रुपये में अपनी नवजात बेटी को बेच दिया था। गौरव के साथ दिल्ली जाते समय गागन तिराहे पर पकड़ी गई नीतू-साजिया ने पुलिस के सामने सारा भेद खोल दिया। फिर इनके बताने पर ही पुलिस ने शबनम व गीता और शबनम के पति यूनुस को भी पकड़ने में सफलता पाई है। ये लोग अब तक कुल छह नवजात बच्चों को बेच चुके हैं। इसमें कोलकाता व आगरा में एक-एक बच्चा बेचा है। शेष बच्चों को मुरादाबाद और आसपास जिलों में बेचा है। शुक्रवार को ये लोग रुक्मिणी की नवजात बेटी का सौदा होने के बाद उसे बेचने दिल्ली जा रहे थे। थानाध्यक्ष ने बताया कि शबनम के पास आठ महीने का एक बच्चा (लड़का) पहले से है। इसकी बिक्री करने की भी वह तैयारी में थी।
नीतू की बड़ी बहन है दीपमाला
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार महिलाएं जिस दीपमाला का नाम लेकर उसे मुंबई में रहना बता रही हैं, वह नीतू पत्नी अश्वनी भातू (भातू जनजाति है) की बड़ी बहन है। अब सवाल ये है कि दीपमाला मुंबई में रहती है या नहीं, इसका उत्तर तलाशने को पुलिस उनके मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल, लोकेशन, सीडीआर व अन्य दस्तावेज खंगाल रही है। वैसे पुलिस को उम्मीद है कि दीपमाला मुंबई में नहीं होगी, वह मुरादाबाद में ही कहीं आसपास हो सकती है। खैर, यह जांच का विषय है।
प्रसव बाद प्रसूता को करती थी इमोशनल ब्लैकमेल
थानाध्यक्ष ने बताया कि गीता चूंकि अविवाहित है और उसने भगतपुर में प्रसव केंद्र भी खोल रखा है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के प्रसव कराती है और अविवाहित होने से वह प्रसूता को इमोशनल ब्लैकमेल (भावनात्मक ठगी) करने में कामयाब हो जाती थी। शिशु को गोद लेकर उसका लालन-पालन करने की बात प्रसूता से कहकर उसके नवजात को ले लेती थी और साथ ही प्रसूता को कुछ पैसे भी दे दी थी।
ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाली चार महिला समेत छह गिरफ्तार