हल्द्वानी: रकसिया में सरकार, कलसिया को नहीं मिल रहा खेवनहार
दो साल बाद भी जुगाड़ के वैली ब्रिज से गुजरा रहा नैनीताल और कुमाऊं के 5 जिलों का यातायात

6 बार निविदा निकालने के बाद भी पुल के लिए नहीं मिल रहा ठेकेदार अनुबंध के मुताबिक 2.34 करोड़ रुपये की लागत से होना था पुल निर्माण
हल्द्वानी, अमृत विचार। मानसूनी आफत के बाद रकसिया में लोगों का हाल-चाल जानने के लिए रविवार को सरकार के मंत्री अजय भट्ट पहुंचे, लेकिन देश-दुनिया के लाखों लोगों को नैनीताल और कुमाऊं के अन्य पांच जिलों तक ले जाने वाले कलसिया पुल का प्रशासन बेड़ा पार नहीं करा पाया। सभी प्रकार के यातायात को पिछले दो साल से जुगाड़ के वैली ब्रिज से गुजारा रहा है। 6 बार पुल निर्माण के लिए निविदा भी निकाली जा चुकी है, लेकिन प्रशासन को पुल बनाने वाला एक भी ठेकेदार नहीं मिला।
अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया कलसिया पुल को सालों पहले जर्जर घोषित कर दिया गया था और दो साल पहले प्रशासन ने पूरी तरह घोषित कर दिया था कि अब ये चलने लायक नहीं बचा। जिसके बाद इस पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया और पुराने पुल को ढहा दिया गया। चूंकि उस वक्त पर्यटन सीजन था और फौरन पुल को बनाना नामुम्किन था।
ऐसे में कहीं और से लाए वैली ब्रिज को कलसिया के एक हिस्से पर स्थापित कर दिया गया। जिसके बाद कंक्रीट का पुल बनाने के कवायद शुरू हुई। एनएच हल्द्वानी डिवीजन ने पुल निर्माण के लिए निविदा निकाली, लेकिन कोई ठेकेदार काम करने को राजी नहीं हुआ। दोबारा, तिबारा और ऐसा करते-करते एनएच ने 6 बार निविदा प्रकाशित कराई, लेकिन ठेकेदार नहीं मिला।
गौर करने वाली बात यह है कि मैदान से नैनीताल को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर बना कलसिया नाला है, जिस पर पुल अस्थाई पुल को स्थापित किया गया। इसी पुल से भीमताल होते हुए अन्य जिलों को पर्यटक जाते हैं। साथ ही हर उस जरूरी सामान की डिलीवरी होती है, जिनके बिना दैनिक जीवन में गुजारा नहीं है।