वर्ष का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण 29 को लगने जा रहा

नैनीताल, अमृत विचार: साल का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार 29 मार्च को लगने जा रहा है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो दुनिया के कई हिस्सों से दिखाई देगा, लेकिन भारत से नजर नही आएगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार दोपहर 2.20 बजे शुरू होगा और शाम 6.13 बजे समाप्त होगा। यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, यूरोप, उत्तरी अफ्रीका समेत एशिया के ग्रीनलैंड, आइसलैंड, और उत्तर-पश्चिमी रूस में दिखाई देगा। भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।
सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आ जाने से सूर्य ग्रहण की घटना होती है। सूर्य ग्रहण मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं, जो सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की स्थिति पर निर्भर करते हैं। जिस कारण सूर्य ग्रहण में भिन्नता आ जाती है। पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान खास बात यह होती है कि सूर्य का केवल कोरोना (बाहरी वायुमंडल) दिखाई देता है। यह दुर्लभ होता है और केवल एक सीमित क्षेत्र में दिखाई देता है। वैज्ञानिक अध्ययन के चलते यह महत्वपूर्ण माना जाता है। दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण कहलाता है। इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के केवल एक सीमित हिस्से को ही ढक पाता है, तब आंशिक सूर्य ग्रहण बनता हैं। तीसरा वलयाकार सूर्य ग्रहण है। इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के बीच के हिस्से को ही ढक पाता है और सूर्य का बाहरी, चारों ओर का चकदार हिस्सा खुला छूट जाता है। जिस कारण ग्रहण लगा सूर्य वलय यानी रिंग जैसा दिखाई पड़ता है। वलयाकार ग्रहण के दौरान चंद्रमा और सूर्य के बीच दूरी अधिक होने के कारण यह स्थिति बनती है, जो देखने मे मनमोहक होती है।
भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2027 में दिखाई देगा
नैनीताल: आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पूर्व निदेशक डॉ. वहाबउद्दीन के अनुसार भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, जो देश के कुछ हिस्सों में दृश्यमान होगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण सुबह के समय शुरू होगा और दोपहर तक रहेगा। भारत में तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के हिस्सों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा जबकि अन्य क्षेत्रों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में नजर आ सकता है। 29 मार्च के बाद अगला सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा । यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा।