अमूल ने हासिल किया 72,000 करोड़ रुपए का कारोबार 

अमूल ने हासिल किया 72,000 करोड़ रुपए का कारोबार 

आणंद। दूध उत्पादन एवं वितरण के क्षेत्र में दुनियाभर में जाने-माने ब्रांड ‘अमूल’ ब्रांड ने 72,000 करोड़ रुपये (यूएसडी नौ बिलियन) का समूह कारोबार हासिल किया है।

गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) की ओर से शनिवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गुजरात के सभी डेयरी सहकारी संघों की सर्वोच्च संस्था तथा अमूल ब्रांड के मार्केटर्स, गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन इस वर्ष अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है।

1973 में केवल छह सदस्य यूनियनों और 121 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ स्थापित जीसीएमएमएफ के पास आज गुजरात के भीतर 18 सदस्य संघ हैं जो प्रतिदिन तीन करोड़ लीटर से अधिक दूध एकत्रित करते हैं और 72,000 करोड़ रुपये (नौ बिलियन यूएसडॉलर) के समूह कारोबार के साथ अमूल भारत का सबसे बड़ा एफएमसीजी ब्रांड बन गया है।

जीसीएमएमएफ की 49वीं वार्षिक आम सभा 19 अगस्त को आयोजित हुई। इस बैठक के दौरान जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष शामलभाई पटेल ने बताया कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि इस सहकारी संगठन ने वर्ष 2022-23 में कारोबार में 18.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है।

वर्तमान में अमूल दुनिया का 8वां सबसे बड़ा डेयरी संगठन है और इसने वर्ष 2022-23 में 11,000 करोड़ का अतिरिक्त समूह कारोबार जोड़ा है। इसके साथ ही यह भारत का सबसे बड़ा एफएमसीजी ब्रांड बन गया है।

पटेल ने कहा कि बीते 50 वर्षों में हम डेयरी किसानों और उपभोक्ताओं के बीच एक सेतु बनने के सिद्धांत पर खरा उतरने में सफल रहे हैं। जिस विज़न के साथ हमारे छह संस्थापकों - त्रिभुवनदास पटेल, मोतीभाई चौधरी, गलबाभाई पटेल, भूराभाई पटेल, जगजीवनदास पटेल, जशवंतलाल शाह और डॉ. वर्गीस कुरियन द्वारा जीसीएमएमएफ की स्थापना की गई थी, उसने अमूल को पीढ़ियों से प्रत्येक भारतीय का सबसे अधिक पसंदीदा ब्रांड बनाया है।

उन्होंने डेयरी विकास के अमूल मॉडल ने डेयरी किसान के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए व्यावसायिक रूप से आत्मनिर्भर मॉडल बनाकर भारत को दुनियाभर में गौरवान्वित किया है। आज, हम गर्व से कह सकते हैं कि, गुजरात के डेयरी किसानों ने एक ऐसा मॉडल बनाया है जिसके बारे में बहुत कम लोग सपना देख सकते हैं।

एक ऐसा ब्रांड जिसका स्वामित्व वास्तव में 36 लाख डेयरी किसानों के पास है। अपनी मजबूत और चुस्त प्रणालियों और प्रक्रियाओं के साथ हमारा लक्ष्य दुनियाभर में ग्राहकों तक पहुंचना और आने वाले दो-तीन साल में एक लाख करोड़ रु. के टर्नओवर ( कारोबार) का लक्ष्य हासिल करना है। जीसीएमएमएफ के प्रभारी प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा कि, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, हमने अपनी अधिकांश प्रमुख श्रेणियों में उत्कृष्ट एवं सीमा चिह्न प्रदर्शन हासिल किया है।

अमूल दूध आधारित पेय पदार्थों में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं अमूल आइसक्रीम में रिकॉर्ड 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अमूल मक्खन में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि अमूल घी कन्ज्यूमर (उपभोक्ता) पैक में नौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई। हमने अमूल लाॅन्ग लाइफ मिल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि, अमूल दही में 40 प्रतिशत की वृद्धि, ताजा छाछ में 16 प्रतिशत की वृद्धि और हमारी सबसे बड़ी उत्पाद श्रेणी, अमूल ताजा दूध में प्रभावशाली 20 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है।

हमने अपनी अधिकांश उपभोक्ता उत्पाद श्रेणियों में उच्च मात्रा में वृद्धि हासिल की है। जीसीएमएमएफ के उपाध्यक्ष वलमजी हुंबल ने इस अवसर पर कहा कि, भारत की बढ़ती जनसंख्या और इसके साथ ही बढ़ती प्रति व्यक्ति आय, आने वाले वर्षों में हमारे संगठन के विकास को गति प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, “ हमने एक रणनीतिक पहल की परिकल्पना की है, जिसके द्वारा हम भारत के हर शहर, नगर और गांव में उपस्थित होंगे।

वैश्विक डेयरी बाजार भी महत्वपूर्ण विकास क्षमता प्रदान करता है। हम वर्तमान में 50 से अधिक देशों में मौजूद हैं और रणनीतिक बाजारों में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के अवसर खोज रहे हैं। हुंबल ने कहा कि, देश में एक समर्पित सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के लिए वह केन्द्र सरकार के आभारी हैं, जिसने हाल ही में तीन बहु-राज्य सहकारी समितियों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित किया है।

इसके तहत सहकारी क्षेत्र से माल के निर्यात के लिए नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल), देश भर में सहकारी समितियों के माध्यम से जैविक व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) और बीज उत्पादन, वितरण एवं अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारतीय बीज सहकारी समिति (बीबीएसएस) स्थापित की गई है।

ये समितियां देश में कृषि क्षेत्र की वृद्धि, खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे भारत में सहकारी क्षेत्र के समग्र विकास को गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि जीसीएमएमएफ (अमूल) को निर्यात और ऑर्गेनिक्स(जैविक) पर दो बहुराज्य सहकारी समितियों को प्रोत्साहन देने का अवसर दिया गया है। 

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