सितारगंज: काश्तकार का हत्यारा जरनैल सिंह खुली जेल से फरार
धान के खेत में निराई करने गया जरनैल शौंच का बहाना बनाकर भागा, ऊधमसिंहनगर की सीमाओं पर चौकसी

सितारगंज, अमृत विचार। राज्य की इकलौती खुली जेल (संपूर्णानंद शिविर की केंद्रीय कारागार ) में गुरुवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक हत्यारा शौंच का बहाना बनकर जेल से फरार हो गया। उसे 10 अन्य कैदियों के साथ धान के खेत में निराई करने के लिए भेजा गया था।
फरारी के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस के साथ मिलकर सर्च अभियान शुरू किया गया। जंगल, नदी और नाले खंगाल डाले गए, लेकिन जरनैल सिंह का सुराग नहीं लगा। ऊधमसिंहनगर से जुड़ने वाली राज्य और पड़ोसी राज्य की सभी सीमाओं पर कड़ी जांच की जा रही है।
बिचई नानकमत्ता निवासी जरनैल सिंह (55) पुत्र बंजारा को एक काश्तकार की हत्या में अजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह खुली जेल में अपनी सश्रम सजा काट रहा था। बताया जाता है कि गुरुवार जरनैल सिंह को धान के खेत में निराई के लिए लगाया गया था।
सुबह करीब साढ़े 7 बजे कमान अधिकारी रिजर्व बंदी रक्षक राज बहादुर सैनी, बंदी रक्षक अमरजीत व उपनल कर्मी नरेश कार्की, जरनैल के साथ 10 कैदियों को लेकर जेल से धान के खेत में गए थे। ये खेत जेल से करीब 100 मीटर की दूरी पर है। सुबह करीब 11 बजे जरनैल सिंह ने कमान अधिकारी को शौच जाने की बात कही। इजाजत मिलते ही जरनैल खेत से बाहर निकला और फरार हो गया।
जिसके बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कमान अधिकारी ने डिप्टी जेलर सत्यप्रकाश सिंह को इसकी सूचना दी और डिप्टी जेलर ने तुरंत इसकी जानकारी जेल अधीक्षक अनुराग मलिक को दी। इसके बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी ओमप्रकाश शर्मा, कोतवाल भूपेंद्र सिंह बृजवाल, एसएसआई हरविंद्र कुमार व सिडकुल चौकी पुलिस जेल पहुंच गई। जेल अधीक्षक मलिक व सीओ शर्मा के नेतृत्व में पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की टीमों ने शाम पांच बजे तक सर्च अभियान चलाया, लेकिन फरार कैदी का कहीं पता नहीं चला। जेल अधीक्षक मलिक ने बताया कि फरार कैदी के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है।
बता दें कि जरनैल ने वर्ष 1995 में काश्तकार की हत्या की थी और वर्ष 2001 में एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जरनैल ने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। वर्ष 2022 में जरनैल की अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखने का फैसला सुनाया था।
जंगल की खाक छानी, यूपी के रास्तों पर पैनी नजर
सितारगंज : जरनैल सिंह के फरार होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने जेल प्रशासन के साथ मिलकर जेल के आस-पास जंगल में घंटों सर्च अभियान चलाया, लेकिन जरनैल का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इसी के साथ पुलिस ने ऊधमसिंह नगर जिले के सभी रास्तों पर चेकिंग शुरू कर दी। नैनीताल जिले की ओर जाने वाले रास्तों पर सर्च अभियान शुरू कर दिया गया। साथ ही यूपी की सीमा के सभी रास्तों पर भी सघन चेकिंग अभियान चलाया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। सर्च अभियान के साथ ही आलाधिकारियों ने पूरे जिले की पुलिस को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए।
न डॉग स्क्वायड सूंघ पाया, न ड्रोन की नजर में आया जरनैल
सितारगंज : केंद्रीय कारागार से कैदी जरनैल सिंह के फरार होने के बाद जेल के सुरक्षा कर्मी व पुलिस की टीमें कांबिंग में तो जुटी थी। जरनैल की तलाश में डॉग स्क्वायड की टीम के साथ ड्रोन की मदद भी ली गई। इन दोनों की सहायता से झाड़ी, खंती, जंगल के बीहड़, नदी और नालों की घंटों खाक झानी गई, लेकिन जरनैल की खुशबू न तो डॉग स्क्वायड सूंघ सका और न ही वो ड्रोन की नजर में आया। पुलिस इस बात से भी हैरत में है कि 55 साल का जरनैल आखिर इतनी जल्दी कहां गायब हो गया। पुलिस रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज भी खंगालने में जुटी है।