सुप्रिया सुले ने कहा- शरद पवार और अजित पवार की बैठक में क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी नहीं

सुप्रिया सुले ने कहा- शरद पवार और अजित पवार की बैठक में क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी नहीं

पुणे (महाराष्ट्र)। राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पिछले सप्ताह पुणे के एक उद्योगपति के घर पर शरद पवार और अजित पवार के बीच क्या बातचीत हुई थी। कोरेगांव पार्क क्षेत्र में 12 अगस्त को उद्योगपति अतुल चोरडिया के आवास पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) संस्थापक शरद पवार और उनके भतीजे एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच एक बैठक हुई थी।

बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने कहा कि वह बैठक में मौजूद नहीं थीं और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वहां क्या हुआ था। सुले ने कहा, ‘‘दादा (अजित पवार) के जन्म से पहले भी पवार और चोरडिया परिवारों के बीच अच्छा संबंध था क्योंकि (अतुल) चोरडिया के पिता और पवार साहब कॉलेज में एक साथ थे। इसलिए, अगर दोनों परिवार मिलते हैं तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है।’’

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मंगलवार को कहा था कि यह उनकी पार्टी के लिए चिंता की बात है कि शरद पवार और अजित पवार ‘‘गुप्त रूप से’’ मुलाकात कर रहे हैं। शरद पवार शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा के महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा हैं, जबकि अजित पवार पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नीत सरकार में शामिल हो गए थे।

अजित पवार के रुख के बारे में सुले ने कहा कि मतभेद होते रहते हैं और इसे स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शरद पवार की बहन सरोज पाटिल दिवंगत कॉमरेड डॉ. एन डी पाटिल की पत्नी हैं, लेकिन (शरद) पवार और पाटिल कई मौकों पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब यह नहीं कि बुआ का हमारे प्रति प्यार कम हो गया है। हमारे परिवार में, निजी संबंध एक तरफ हैं और राजनीतिक विचार दूसरी तरफ है।’’ सुले ने कहा कि ‘‘पवार साहब और एन. डी. पाटिल’’ के बीच मतभेदों के बावजूद महाराष्ट्र ने उन्हें स्वीकार किया और दोनों नेताओं को प्यार मिला। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में एक बार फिर ऐसी ही स्थिति बन गई है। अगर दादा (अजित पवार) को लगता है कि उनका राजनीतिक रुख सही है, तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसे स्वीकार किया जाना चाहिए।

हमारा रुख दादा से अलग हो सकता है और मैं इसे लोकतंत्र में गलत नहीं मानती।’’ भाजपा से ‘प्रस्ताव’ मिलने के दावे से जुड़ी खबरों के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि उन्हें किसी से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। 

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