मणिपुर के आदिवासी समूह आईटीएलएफ ने की अमित शाह से मुलाकात
नई दिल्ली। हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति बहाल करने के प्रयासों के तहत राज्य के आदिवासियों के एक समूह ने बुधवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और अपनी विभिन्न मांगें उनके सामने रखीं। ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) के सचिव मुआन टोम्बिंग ने बताया कि आईटीएलएफ के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री के साथ बातचीत की।
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आईटीएलएफ की पांच प्रमुख मांगें हैं, जिनमें मणिपुर से पूरी तरह अलग किए जाने और कुकी-जो समुदाय के सदस्यों के शवों को दफनाए जाने की मांग शामिल हैं। शव फिलहाल इंफाल में हैं और समूह की मांग है कि उन्हें चुराचांदपुर लाया जाए। आईटीएलएफ ने इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री को दिए ज्ञापन में कहा गया था कि उन्होंने शवों को दफनाने की प्रकिया पांच और दिन टालने संबंधी शाह के अनुरोध पर कई पक्षकारों के साथ काफी विचार विमर्श किया।
यह ज्ञापन 27 सेक्टर, असम राइफल्स मुख्यालय के जरिए भिजवाया गया है। आईटीएलएफ के नेता पड़ोसी राज्य मिजोरम की राजधानी आइजोल से होते हुए दिल्ली पहुंचे। शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में उनके साथ बैठक के लिए आईटीएलएफ को निमंत्रण दिया था, ताकि मणिपुर की स्थिति पर विचार-विमर्श किया जा सके। मणिपुर में मई की शुरुआत में कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें तब से अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
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