सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के मुंह पर लगाया तमाचा, PM को संसद के प्रति बनाया जाए जवाबदेह: शिवसेना (उद्धव गुट)

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के मुंह पर लगाया तमाचा, PM को संसद के प्रति बनाया जाए जवाबदेह: शिवसेना (उद्धव गुट)

नई दिल्ली। शिवसेना (उद्धव गुट) के अरविंद सावंत ने मणिपुर का मुद्दा उठाया और कहा कि अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाया गया कि प्रधानमंत्री को संसद के प्रति जवाबदेह बनाया जाए। उच्चतम न्यायालय ने सरकार के मुंह पर तमाचा लगाया है। उन्होंने सत्तापक्ष खासकर भाजपा पर राजनीतिक प्रहार करते हुए कहा कि हिन्दुत्व की बात करने वाले समझ लें कि हिन्दुत्व में भगोड़े नहीं होेते हैं। उनके पास दम होता है।

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उन्होंने कहा कि आज झूठे लोग सच बताने की बात कह रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जिस पार्टी को नैचुरली करप्ट पार्टी कहा था और 70 हजार करोड़ रुपए के घोटाले की बात कही थी। लेकिन चार दिन बाद ही वे महाराष्ट्र की सरकार में शामिल हो गये। इसका अभिप्राय ये हुआ कि कोई भ्रष्टाचार नहीं है। कोई वाशिंग मशीन चल रही है।

उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री समेत सभी पाला बदलने वालों को अपात्र माना है। मणिपुर में भी उच्चतम न्यायालय ने जांच से लेकर कार्रवाई तक का निर्णय अपने हाथ में ले लिया और सरकार पर प्रश्नचिह्न लगा दिया। लोक उपक्रमों को बेचा जा रहा है। बीएसएनएल और एमटीएनएल डूब गये हैं। महिला अत्याचार एवं पेंशन योजना भी चिंता का कारण है।

केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री नारायण राणे सावंत के भाषण पर उत्तेजित हो कर कहने लगे कि हिन्दुत्व की बात करने वाले बताएं कि 2019 में सत्ता पाने के लिए भाजपा को छोड़ कर गद्दारी करते वक्त हिन्दुत्व क्यों याद नहीं आया था। उन्होंने चेतावनी के अंदाज में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर यदि किसी ने उंगली उठायी तो वह उसे औकात याद दिला देंगे।

शिरोमणि अकाली दल (मान) के सिमरनजीत सिंह मान ने दुनिया भर में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं एवं सिखों की हत्याओं का मामला उठाया और मांग की कि ये अत्याचार बंद होना चाहिए। भाजपा की सुनीता दुग्गल ने कहा कि प्रधानमंत्री की नीति एवं नीयत को लेकर देश में किसी को भी शक नहीं है।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक वक्तव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा की नीति एवं संकल्प शुरू से ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राममंदिर बनाने की थी और बहुमत मिलते ही यह कर दिखाया और अब अगला लक्ष्य समान नागरिक संहिता है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द सदन में यह विधेयक आये।

उन्होंने कहा कि ब्रिटिश उपनिवेशकाल में लार्ड मैकाले ने कहा था कि भारत की संस्कृति, सभ्यता एवं शिक्षा को नष्ट किये बिना भारत का नष्ट नहीं किया जा सकता है। नालंदा में भी विश्वविद्यालय के पुस्तकालय की 90 लाख किताबें जलायीं गयीं ताकि भारत की सभ्यता खत्म हो जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की नयी शिक्षा नीति में उसी सभ्यता एवं संस्कृति को प्रखर बनाने का काम होने वाला है।

गुणवत्ता वाली किफायती शिक्षा मातृभाषा में दिये जाने की नीति है। देश में 14.9 लाख स्कूलों में 95 लाख शिक्षक एवं 26.5 करोड़ विद्यार्थियों को कौशल आधारित शिक्षा देने का मकसद है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि 11वीं, 12वीं पास करने वाले बच्चे कम से कम एक हुनर सीखें। 10 प्लस 2 प्रणाली खत्म करके स्नातक स्तर की पढ़ाई में एक साल में सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीन साल में डिग्री देने का प्रावधान किया गया है।

अनुसूचित जाति जनजाति के शिक्षकों की भर्ती की गयी है। श्रीमती दुग्गल ने कहा कि 2014 और 2019 में अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षित सीटोें में भाजपा को क्रमश: 66 एवं 76 सीटें तथा कांग्रेस को क्रमश: 12 एवं 10 सीटें मिलीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आमजन में जो विश्वास बनाया है, उसे कोई हिला भी नहीं सकता है।

ये चाहे जितने गठबंधन बना लें। द्रमुक के थोल तिरुमावलन ने कहा कि वह मणिपुर में राहत कैंपों में रह रहे 60 हजार लोगों का केन्द्र सरकार और राज्य सरकार में विश्वास खत्म हो गया है। महिलाओं के साथ दुव्यर्वहार हुआ लेकिन केन्द्र एवं राज्य सरकार कुछ नहीं बोली।

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