प्रयागराज : हाल ही में हुई सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्तियों को चुनौती

अमृत विचार, प्रयागराज । गत दिनों मुख्य स्थाई अधिवक्ता और अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ताओं की हुई नियुक्तियों को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पक्षों को अपने तर्कों का सारांश प्रदान करने का निर्देश दिया है।
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में नामांकित याचियों ने राज्य सरकार द्वारा अपने पैनल में हाल ही में की गई नियुक्तियों को इस आधार पर चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की कि उक्त अधिवक्ताओं को नियुक्त करते समय राज्य द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि नियुक्त किए गए अधिवक्ताओं में 'क्षमता' की कमी है।
राज्य की ओर से तर्क देते हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि सभी नियुक्तियां कानूनी आधार पर की गईं हैं। उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता की अध्यक्षता वाली एक समिति ने उम्मीदवारों की गहन जांच के बाद नियुक्तियां की हैं। जनहित याचिका के जरिए नियुक्त किए गए लोगों की योग्यता पर सवाल उठाना उन अधिवक्ताओं की गरिमा को नुकसान पहुंचाना होगा।
इसके अलावा अपर महाधिवक्ता ने जनहित याचिका की पोषणीयता पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि याचियों ने कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया है कि वह अपने साथी अधिवक्ताओं के लिए आंदोलन कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह उन लोगों द्वारा स्थापित याचिका है, जिन्हें नियुक्तियां नहीं मिली हैं।
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