हिमाचल में नौतोड नियम दो साल के लिए लागू, मानसून में छह हजार का नुकसान
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को सचिवालय में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने की जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए। कैबिनेट में 47 विभिन्न एजेंडों पर चर्चा हुई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल ने जनजातीय क्षेत्रों में वन संरक्षण अधिनियम को दो साल के लिए निलंबित करने का फैसला लिया है।
बैठक में आईजीएमसी शिमला के केजुअल्टी वार्ड में 136 पदों को भरने का फैसला लिया गया है। इससे 24 घंटे लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेगी। आपदा प्रबंधन सुदृढ़ करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसमें एचएएस स्तर के अधिकारी के साथ तकनीकी स्टाफ भी होगा। साथ ही नगर निकायों में विभिन्न श्रेणियों के 87 खाली पदों को भरा जाएगा।
जिला न्याय वादियों के सात के रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया गया है। विषेश पुलिस अधिकारियों को 500 रुपये मानदेय दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना आरंभ करने का भी निर्णय लिया। इस योजना के माध्यम से राज्य के सभी ज़िलों में स्थित बंजर चोटियों एवं पहाड़ियों को शामिल करते हुए राज्य में हरित आवरण को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त तीखी ढलानों में भूक्षरण इत्यादि पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मानसून सीजन में अभी तक करीब छह हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। बाग-बगीचों को हुए नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों का समुचित रिकॉर्ड तैयार करने के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों में परिवार रजिस्टर का रखरखाव नियम, 2023 के प्रारूप को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में हिमाचल प्रदेश पट्टा नियम-2013 (वर्ष 2016 एवं 2017 में संशोधित) पर भी एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। जल विद्युत परियोजनाओं को लीज प्रदान करने के मुद्दे का समग्र रूप से परीक्षण करने तथा इनसे ली जाने वाली पट्टे की राशि के बारे में सिफारिशें प्रस्तुत करने का भी निर्णय लिया गया।
नेगी ने कहा कि राज्य में लोकमित्र केन्द्रों के माध्यम से प्रदत्त सेवाओं के लिए ली जाने वाली राशि के युक्तिकरण को भी स्वीकृति प्रदान की। वस्तु एवं सेवा कर परिषद की सिफारिशों के क्रियान्वयन के दृष्टिगत केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2023 को भी स्वीकृति प्रदान की। बैठक में कुछ शर्तों के साथ हिमाचल प्रदेश नौतोड़ नियम, 1968 को दो वर्षों के लिए कार्यान्वित करने का भी निर्णय लिया गया। यह क्षेत्र नेशनल पार्क, अभयारण्य, संरक्षित क्षेत्र (कंजर्वेशन रिजर्व), सामुदायिक संरक्षित (कॉम्यूनिटी रिजर्व), वन संरक्षित, डीपीएफ के अन्तर्गत नहीं होना चाहिए।
नौतोड़ के लिए प्रस्तावित भूमि में खड़े पेड़ों की संख्या दो से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह भूमि केवल घरेलू उपयोग के लिए ही उपलब्ध करवाई जाएगी और संबंधित व्यक्ति की किसी भी प्रकार के वन अपराधों में संलग्नता नहीं होनी चाहिए।
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