पीलीभीत: साहब! इनको भी सीट बेल्ट लगाने की आदत नहीं, आप ही दो ध्यान..

पीलीभीत, अमृत विचार। शासन के निर्देश पर 17 जुलाई से जनपद में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। उद्घाटन के बाद अफसरों ने लोगों से ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील की।
मगर यहां तो दूसरों को सीख देकर पखवाड़ा मनाने का दावा तो किया जा रहा है, मगर खुद अफसर ट्रैफिक नियमों मनाने को तैयार नहीं है। गाड़ी में जिम्मेदारों के रहते हुए उनके चालक सीट बेल्ट नहीं लगा रहे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब मातहत ही अफसरों के सामने नियमों का पालन नहीं करेंगे तो आम लोगों पर उनकी अपील कितनी कारगर साबित होगी।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार भरकस प्रयास कर रही है। जागरुकता के साथ ही नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जुर्माना की धनराशि भी बढ़ा दी है। वहीं नवंबर में सड़क सुरक्षा माह मनाया जाता है। पूरे माह जनपद में भ्रमण कर लोगों को जागरुक किया जाता और नियमों का पालन करने वालों को सम्मानित किया जाता है। जुलाई में सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है।
गोष्ठी और अन्य जागरुकता शिविरों के माध्यम से ट्रैफिक नियमों को बरीकी बताया जाता है। इन शिविरों से लोगों में कुछ जागरुकता का प्रभाव भी पड़ता है। मगर अफसरान की बात करें, तो वह सिर्फ गोष्ठी में ही नियमों को बताकर इतिश्री कर लेते है और अपने मातहतों को पालन करने की सीख नहीं दे पाते।
शासन ने जुलाई में सप्ताह के बजाय इस बार पखवाड़ा मानने का शासनादेश जारी किया है। सड़क सुरक्षा से जुड़े परिवहन विभाग, गृह विभाग, लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा विभाग और शिक्षा विभाग को 17 जुलाई से 31 जुलाई तक जागरुकता कार्यक्रमों के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई। उद्घाटन के दौरान मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने ट्रैफिक नियमों का पालन खुद करने और दूसरे लोगों को प्रेरित करने की शपथ ली थी।
इसके बाद जागरुकता वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मगर शपथ लेने के बाद सबसे पहले अफसर ही ट्रैफिक नियमों का पालन कराना भूल गए। इन दिनों शहर सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जबकि इसकी अमृत विचार की टीम ने पड़ताल की, तो आमजन तो काफी हद तक ट्रैफिक नियमों का पालन करते नजर आए, मगर अफसरों की बात करें, तो कई विभाग के मुख्य अधिकारियों के चालक बिना सीट बेल्ट लगाए ही साहब की गाड़ी दौड़ते दिखे। जिसकी कहीकत कैमरे में कैद हुई है।