अयोध्या: शियों की सबसे बड़ी ईद जश्ने - ईदे-गदीर आज, छायी हैं खुशियां
मस्जिदों और घरों में होगी सजावट और महफिलें, निकलेगा जुलूस

अयोध्या/अमृत विचार। शिया समुदाय के लिए सबसे बड़ी ईद कही जाने वाली ईदे गदीर को लेकर उल्लास छाया है। इस मौके पर जहां मस्जिदों और घरों को सजाया जा रहा है वहीं जगह-जगह महफिलों का आयोजन भी किया जा रहा है। गुरुवार से लेकर शुक्रवार रात तक शिया बाहुल्य इलाकों में जश्न ईदे गदीर की रौनक छाई हुई है।
इस मौके पर 7 जुलाई रात 9 बजे राठहवेली फय्याज साहब की मस्जिद से ईद-ए-गदीर के मौके पर एक जुलूस उठकर इमामबाड़ा जवाहर खां पहुंचेगा। जिसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होंगे। यह जुलूस उस दिन की याद दिलाता है जब मोहम्मद साहब ने चचाजात भाई और दामाद हज़रत अली को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।
मौलाना जफर अब्बास कुम्मी ने बताया कि हज से लौटते वक्त अल्लाह ( ईश्वर) का संदेश मोहम्मद साहब को मिला की ऐ मोहम्मद अपने उत्तराधिकारी जानशीन का ऐलान कर दो। उन्होंने बताया कि किताबों में मिलता है कि सवा लाख हाजियों के सामने मोहम्मद साहब ने ईश्वर के संदेश का पालन करते हुए हजरत अली को उत्तराधिकारी बनाया था।
इस दिन को खुशी के रूप में माना जाता है। इसी की खुशी को जाहिर करने के लिए अहलेबैत के मानने वाले दुनिया के तमाम आलम ए इस्लाम और इंसानियत पसंद लोग नए कपड़े लाल कपड़े और अपने घरों पर लाल झंडे, अच्छे पकवान पकाते हैं और गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। महफिलों में हजरत अली की फजाएल तारीफ बयान की जाती है।
मौलाना ने बताया कि हजरत हर समुदाय संप्रदाय से ऊपर उठकर हर इंसान को गले लगाया और मोहब्बत का संदेश दिया। महिलाओं का कार्यक्रम बंगाली बाग खवासपुरा में बज़्मे कुलसुमिया की जानिब से होगा। इसके अलावा दुगाना मस्जिद में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम जाफरी मिशन की जानिब से होता है। यह जुलूस शिया धर्मगुरु मौलाना नदीम रजा जैदी के नेतृत्व में मोमिनों द्वारा हर साल उठाया जाता है।
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