काशी के बाद अयोध्या में बनेगा कौशल विकास का बड़ा उन्नत केंद्र
रसायन एवं पेट्रो केमिकल विभाग खोल रहा सीआईपीईटी सीएसटीएस
अयोध्या, अमृत विचार। हजारों करोड़ रुपयों की विकास योजनाओं से वैश्विक पर्यटन नगरी का स्वरूप हासिल करने में जुटी अयोध्या को कौशल विकास के एक बड़े उन्नत केंद्र की सौगात मिलने जा रही है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बाद अयोध्या में भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की ओर से केंद्रीय पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) केंद्र स्थापित किया जा रहा है। हालांकि यहां प्रदेश की राजधानी लखनऊ की तरह सीआईपीईटी का आईपीटी केंद्र नहीं बल्कि वाराणसी की तरह सीएसटीएस केंद्र खुलेगा। केंद्र सरकार की ओर से स्थापित इस कौशल एवं तकनीकी सहायता केंद्र की ओर से डिप्लोमा धारकों को नहीं बल्कि उद्योगों में कार्यरत और बेरोजगार युवाओं को भी अपना कौशल निखारने तथा उच्च कौशल हासिल करने का मौका हासिल होगा।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के विकास योजना के तहत सहायता से केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 1968 में केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान वर्तमान में केंद्रीय पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) की स्थापना की गई थी। वर्तमान में देश में इसके तहत 3 अनुसंधान केंद्र (एसआरएपी), 8 इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोकेमिकल टेक्नॉलॉजी (आईपीटी) तथा 31 कौशल एवं तकनीकी सहायता केंद्र (सीएसटीएस) का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में काफी पहले से आईपीटी केंद्र संचालित है और वाराणसी में हाल में सीएसटीएस केंद्र स्थापित हुआ है।
केंद्रीय रसायन एवं खाद मंत्री ने भाजपा सांसद लल्लू सिंह की मांग पर दो वर्ष पूर्व अयोध्या में सीआईपीईटी के तहत कौशल एवं तकनीकी सहायता केंद्र ( सीएसटीएस ) स्थापित करने की स्वीकृति मिली थी। अब लोकसभा महासमर 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा सरकार की और से सीआईपीईटी-सीएसटीएस के स्थापना की प्रक्रिया को जमीनी धरातल पर उतारने की कवायद शुरू की गई है और संस्थान के निर्माण का जिम्मा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को सौंपा गया है। केंद्र के निर्माण के लिए यूपीआरएनएन की ओर से 31 करोड़ 9 लाख 85 हजार रूपये का टेंडर जारी किया गया है। जिसमें 26 करोड़ 90 लाख 81 हजार से सिविल कार्य और 4 करोड़ 19 लाख 4 हजार कीमत से इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल कार्य कराया जाना है।
दो एकेडमिक ब्लाक के साथ बनेगा आवास और छात्रावास
सीआईपीईटी-सीएसटीएस केंद्र की स्थापना के लिए यूपीआरएनएन की ओर से ग्राउंड प्लस वन एकेडमिक ब्लाक ए और बी तथा ग्राउंड प्लस वन रिसर्च प्रोसेसिंग एन्ड टूल्स रूम, भूतल पर 96 व्यक्ति क्षमता का ब्यायज छात्रावास, 32 व्यक्तियों की क्षमता का गर्ल्स छात्रावास, भूतल पर ही एक निदेशक का आवास और ग्राउंड प्लस वन के तहत 4 यूनिट टाइप टू आवासीय भवन का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही अवशेष वाह्य स्थल का विकास कराया जायेगा। वहीँ संस्थान तक पहुंचने के लिए शारदा सहायक नहर पटरी से एप्रोच रोड बनवाई जाएगी।
हवाई अड्डे के पास आकार ले रहा शैक्षिक हब
फोरलेन बाईपास किनारे डा राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय स्थित है। साथ ही विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रौद्योगिकी संस्थान में विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों की शिक्षण-प्रशिक्षण दिया जाता है। सरकार की ओर से इसी इलाके में राजर्षि दशरथ मेडिकल कालेज की स्थापना की गई है, जिसमें मेडिकल की शिक्षा प्रदान की जा रही है। थोड़ी दूर पर ही प्रयागराज हाइवे किनारे एक प्राइवेट शिक्षण संस्थान का बड़ा परिसर है। इसी क्षेत्र में एयरपोर्ट से कुछ ही दूरी पर भारत सरकार के रसायन एवं खाद मंत्रालय की ओर से सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ पेट्रोकेमिकल एन्ड इंजीनियरिंग केंद्र के तहत कौशल एवं तकनीकी सहायता केंद्र की स्थापना की जा रही ही, जिससे इस इलाके के शैक्षिक हब के रूप में आकार लेने की संभावना बढ़ गई है।
बनवाया जा रहा है साइट प्लान
यूपीआरएनएन के अयोध्या इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर अनूप शुक्ला ने बताया कि 31 करोड़ 9 लाख 85 हजार रूपये की लागत से सीआईपीईटी-सीएसटीएस केंद्र का निर्माण कराया जाना है। टेंडर खोलने की मियाद एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई है और साइट प्लान बनवाया जा रहा है।
सांसद बोले निर्माण प्रक्रिया शुरू
सांसद लल्लू सिंह का कहना है कि दो वर्ष पूर्व अयोध्या में सीआईपीईटी-सीएसटीएस केंद्र के निर्माण की स्वीकृति केंद्रीय रसायन एवं खाद मंत्रालय ने दी थी। अब केंद्र के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
ये भी पढ़ें -बहराइच में वृद्ध को सांप ने काटा, डिब्बे में बंद कर बाइक से लेकर पहुंचा अस्पताल - हैरान रह गए डॉक्टर