स्थानीय निकायों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर चल रहे विवाद में हस्तक्षेप से हाईकोर्ट का इनकार

स्थानीय निकायों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर चल रहे विवाद में हस्तक्षेप से हाईकोर्ट का इनकार

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुल निर्माण के रास्ते में आने वाले 17 पेड़ों को काटने के नीलामी अधिकार को लेकर जिला पंचायत, शाहजहाँपुर और नगर पालिका परिषद के बीच चल रहे विवाद को जनहित से जुड़ा मामला नहीं मानते हुए इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। 

उक्त आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की एकलपीठ ने प्रमोद कुमार यादव की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याची ने जनहित याचिका दाखिल कर मुख्य रूप से दलील दी है कि 17 पेड़ जिला पंचायत, शाहजहाँपुर की भूमि पर खड़े हैं और एक पुल के निर्माण के लिए उक्त पेड़ों को नगर पालिका परिषद, शाहजहाँपुर द्वारा नीलामी के लिए रखा गया है। 

याची के वकील ने कहा कि चूंकि जिला पंचायत, शाहजहाँपुर उपरोक्त पेड़ों का मालिक है, इसलिए नगर पालिका परिषद, शाहजहाँपुर उक्त पेड़ों की नीलामी की अनुमति देकर अधिकार क्षेत्र के बिना कार्यवाही कर रहा है। न्यायालय ने दोनों पक्षों के तर्कों पर विचार करते हुए पाया कि मामले में चिंता केवल दो अलग-अलग स्थानीय निकायों के बीच पेड़ों पर अधिकार क्षेत्र के संबंध में है और याची चाहता है कि नगर पालिका परिषद, शाहजहाँपुर के स्थान पर जिला पंचायत, शाहजहाँपुर नीलामी की कार्यवाही कर उन 17 पेड़ों को काटने की अनुमति दे। 

न्यायालय ने आगे कहा कि यदि पेड़ों के स्वामित्व के संबंध में कोई मुद्दा है तो जिला पंचायत, शाहजहाँपुर के लिए इस मामले को लड़ना एक कारण है, लेकिन किसी भी तरह से उक्त मुद्दे को व्यापक सार्वजनिक हित से जुड़ा नहीं माना जा सकता है, जिसे याची उठा रहा है। अंत में न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि विचाराधीन मामला व्यापक जनहित से संबंधित नहीं है। तदनुसार जनहित याचिका खारिज कर दी।

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