दो वरिष्ठ न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में हुआ बदलाव

नई दिल्ली। ग्रीष्मावकाश के दौरान दो वरिष्ठ न्यायाधीशों के सेवानिवृत्त होने के बाद, भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत के शामिल होने के साथ ही एक बदलाव आया है। कॉलेजियम का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी क्रमशः 16 और 17 जून को सेवानिवृत्त हो गए।
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पुनर्गठित कॉलेजियम में अब प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि पुनर्गठित कॉलेजियम के तीन सदस्य- न्यायमूर्ति खन्ना, न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत- समय के साथ सीजेआई बनेंगे। पुनर्गठित कॉलेजियम पर उच्चतम न्यायालय में रिक्तियों को भरने की जिम्मेदारी है।
बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की सेवानिवृत्ति के साथ उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या घटकर 31 रह जाएगी जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 34 है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद शीर्ष अदालत के फिर से खुलने के पहले सप्ताह में, न्यायाधीशों की संख्या और कम होकर 30 हो जाएगी, क्योंकि न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी 8 जुलाई को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
गर्मी की छुट्टियों के बाद उच्चतम न्यायालय तीन जुलाई को फिर से खुलने वाला है। उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश करने वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम में भी न्यायमूर्ति जोसेफ के स्थान पर न्यायमूर्ति खन्ना के शामिल होने से बदलाव आया है। सीजेआई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले कॉलेजियम में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल भी सदस्य हैं।
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