हल्द्वानी: फुटपाथ के लिए सीसी रोड उखाड़ी, सुस्त गति से चल रही इंटरलाकिंग

1.5 करोड़ रुपये की लागत से इंटरलाकिंग बिछाने का चल रहा कार्य 

हल्द्वानी: फुटपाथ के लिए सीसी रोड उखाड़ी, सुस्त गति से चल रही इंटरलाकिंग

सीसी रोड उखड़ने के बाद सड़कों के किनारे लगा 2 फुट मलबा का ढेर  

हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर के रामपुर रोड स्थित सिधिं चौराहा से लेकर देवलचौड़ तक राहगीरों के चलने के लिए पहले से ही फुटपाथ के लिए सीसी रोड बनाई गई थी। लेकिन हाल ही में सीसी रोड को उखाड़ कर फिर से फुटपाथ के लिए सुस्त गति से  इंटरलाकिंग बिछाने का काम चल रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक अच्छी भली सीसी रोड फुटपाथ के लिए पहले से ही बनाई गई थी तो फिर से दूबारा इंटरलाकिंग बिछाने का क्या औचित्य है।

सिधिं चौराहा से लेकर देवलचौड़ तक करीब 3 किलोमीटर तक इंटरलाकिंग बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इसमें करीब 1.5 करोड़ रुपये की लागत से इस कार्य को पूरा किया जाना है। कार्य कि जिम्मेदारी लोनिवि के पास है, लेकिन इंटरलाकिंग बिछाने का कार्य सुस्त गति से चल रहा है। इंटरलाकिंग बिछाने का कार्य सड़क के दोनों किनारों पर किया जाएगा। फिलहाल अभी सड़क के बाये तरफ पर इंटरलाकिंग बिछाने का कार्य किया जा रहा है।

इधर रामपुर रोड पर स्थित दुकानदार इमरान ने बताया कि इसके पहले ही जब सड़के के दोनों ओर फुटपाथ पर चलने के लिए सीसी रोड का निर्माण किया गया था, तो फिजूल खर्ची कर इंटरलाकिंग बिछाने का क्या औचित्य है, फुटपाथ पर चलने के लिए सीसी रोड उखाड़ने के बाद करीब 2 फीट तक उचा मलबा सड़कों के किनारे लगा हुआ है। जिससे कभी भी कोई वाहन सवार इसके चपेट में आ सकता है। 


पहले से ही बने फुटपाथ पर धन की बर्बादी

पूर्व में ही करोड़ों रुपये की लागत से सड़क के दोनों ओर फुटपाथ के लिए सीसी रोड का निर्माण किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में फिर से 1.5 करोड़ रुपये की लागत से इंटरलाकिंग बिछाने का काम किया जा रहा है। इससे सवाल यही उठता है कि जब पहल से ही फुटपाथ के लिए इंटरलाकिंग रोड बनी हुई थी तो उसे फिर से उखाड़ कर इंटरलाकिंग बिछाने के नाम पर जनता के धन की बर्बादी क्यो की जा रही है। 

रामपुर रोड पर करीब 3 किमी तक फुटपाथ पर इंटरलाकिंग बिछाने का कार्य चल रहा है, जिसकी लागत करीब 1.5 रुपये है। कार्य को निर्धारित समय तक पूरा कर लिया जाएगा। फुटपाथ का निर्माण कार्य पूरा होते ही लोगों को सड़क के किनारे चलना सुलभ हो जाएगा। 
 -कुंदन सिंह जीना, एई लोनिवि