अमरोहा : घर में धन दबा होने के नाम पर गंवाए एक करोड़ रुपये, चार के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट

अमरोहा, अमृत विचार। घर से तुलसी का पौधा उखाड़ने के बाद धन दबा होने के झांसे में आकर अमरोहा के एक परिवार ने एक करोड़ 30 लाख रुपये गंवा दिए। दबा हुआ धन मिल जाएगा, इसको लेकर अमरोहा से हरिद्धार तक पूजा-पाठ चला। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के नाम पर पांच तोला सोने का नाग व 37 तोला सोने का सिंहासन भेंट करने के नाम पर उनसे रकम ऐंठ ली। पीड़ित परिवार की शिकायत पर एसपी के आदेश के बाद पुलिस ने हरिद्धार निवासी गुरु व परिवार की परिचित एक महिला समेत चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
नगर कोतवाली के मोहल्ला जयओम नगर में सुरेंद्र सिंह का परिवार रहता है। इनका आरोप है कि करीब पांच माह पहले रेलवे स्टेशन के पास डाक बंगला निवासी बीना पत्नी सीताराम उनके घर आए थे। वे घर से एक तुलसी का पौधा उखाड़कर अपने साथ ले गए। अगले ही दिन बीना अपने साथ मोहल्ला अहमदनगर निवासी शेखर को लेकर फिर उनके घर पहुंची। दोनों ने सुरेंद्र सिंह की पत्नी को झांसे में ले लिया। बीना ने कहा कि रात मेरे सपने में मां लक्ष्मी आई थी, उन्होंने मुझसे कहा कि तू जिस स्थान से पौधा उखाड़कर लाई है।
वहां पर मैं खुद (लक्ष्मी माता) विराजमान हूं। उस जगह पर जमीन के नीचे सोन-चांदी के आभूषण और धन दबा है, जो भूस्वामी का भाग्य है और उसको ही मिलेगा। इसके बाद मंजू ने धन प्राप्त करने के लिए घर में पूजापाठ करानी शुरू करा दी। आरोप है कि करीब 15 दिन तक चले सिलसिले के बाद बीना ने उनसे कहा कि मेरे साथ हरिद्धार चलना पड़ेगा। वहां गुरुजी मिलेंगे, जो आपके घर में दबे धन को निकलवाएंगे। सुरेंद्र अपनी पत्नी मंजू को साथ लेकर उनके साथ हरिद्धार चला गया। जहां उनकी मुलाकात बीना के गुरु जी से हुई।
बहुत देर तक एकांत में पूजा पाठ करने के बाद गुरु जी ने कहा कि तुम्हारे घर में धन दबा है, दो दिन बाद 2,100 रुपये की अर्जी लगेगी, पैसे लेकर आना है। मंजू दो दिन बाद बीना व शेखर के साथ हरिद्वार के लिए निकले। आरोप है कि बीना ने रास्ते में मिले विनोद पंडित नाम के एक व्यक्ति को भी अपने साथ में ले लिया। इसके बाद हरिद्धार की एक धर्मशाला में बातचीत के बाद गुरुजी ने पूजा पाठ के बहाने लक्ष्मी माता को सोने का नाग भेंट करने के एवज में ढाई लाख रुपये ले लिए और बदले में एक सोने का सिक्का दिया।
बाद में गुरुजी ने बताया कि माता रानी प्रकट हुई थीं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए एक सोने का सिंहासन भेंट करना होगा। इसके बाद घर में दबा धन भी दोगुना हो जाएगा। झांसे में आकर सुरेंद्र और मंजू ने 37 तोले सोने की कीमत 22 लाख रुपये गुरुजी को और थमा दिए। मन में धन का लालच था। जिसके बदले में गुरुजी ने उन्हें एक थैला दिया और कहा कि जब तक मैं न कहूं इसे खोलना मत, नहीं तो पूरा परिवार ही नष्ट हो जाएगा। भरोसा दिलाने के लिए सोने के दो सिक्के भी दिए।
जालसाजों ने 29 अप्रैल तक एक करोड़ 30 लाख रुपये ऐंठ लिए। रकम देने के लिए सुरेंद्र ने अपनी जमीन व प्लाट भी बेच दिया और ब्याज पर रुपये ले लिए। इसके बाद गुरुजी का मोबाइल फोन बंद मिलने पर उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे से की । नगर कोतवाली पुलिस ने एसपी के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर विजय कुमार राणा ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
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