लखनऊ : इंटरनेशनल नर्सेस डे कल, यूपी में बढ़ रहीं हैं नर्सों की मुश्किलें
लखनऊ, अमृत विचार। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज बनाए जाने से जहां पूरे प्रदेश के आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी, लेकिन इससे नर्सों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। यह कहना है राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार का। उन्होंने यह बातें इंटरनेशनल नर्सेस डे की पूर्व संध्या पर कहीं।
दरअसल, कल यानी 12 मई को इंटरनेशनल नर्सेस डे मनाया जाता है। यह दिन प्रतिवर्ष मरीजों के लिए नर्सेस के योगदान को याद करते हुये उनके लिए सम्मान की दृष्टि से मनाया जाता है। मरीज के इलाज में जितनी भूमिका एक चिकित्सक की होती है। उतनी ही भूमिका नर्सों की होती है।
अशोक कुमार की माने तो उत्तर प्रदेश के राजकीय अस्पतालों में तैनात नर्सों को एकतरफा कार्यमुक्त कर स्वास्थ्य विभाग में वापस भेज दिया जा रहा है और 6 महिने तक ना कहीं पोस्टिंग दी जा रही है और ना वेतन ही मिल रहा है। जिला अस्पताल की जगह पर बनाये जा रहे मेडिकल कॉलेज में नर्सों के जाने से खाली हुये पदों पर संविदा या ठेके पर नर्सेज को रखा जा रहा है जबकि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज,आगरा, झांसी,मेरठ, में पूर्व की भांति चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की नर्सेस एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की नर्सेस कार्यरत हैं उसी तरह अन्य नवनिर्मित (उच्चीकृत) मेडिकल कॉलेज में भी चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग संवर्ग को रखने से चिकित्सा व्यवस्था और बेहतर तरीके से चलती रहती, लेकिन ऐसा ना करके एक तरफा कार्मुक्त कर बिल्कुल ही गलत किया जा रहा है। जिसका संघ बिरोध करता है, इससे सबसे ज्यादा दिक्कत पदोन्नति एवं नियुक्ति में आ रही है।
महामंत्री अशोक कुमार ने नर्सो के उत्पीड़न को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है।
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