अमृतसर: स्वर्ण मंदिर के निकट आधी रात को एक और धमाका, पांच आरोपी गिरफ्तार
अमृतसर (पंजाब)। पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर के निकट कम तीव्रता वाले विस्फोट की घटनाओं के सिलसिले में बृहस्पतिवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इससे कुछ ही घंटे पहले इलाके में एक अन्य धमाका हुआ था। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि अमृतसर में एक सप्ताह के भीतर यह तीसरा विस्फोट है।
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इसने कहा कि तीसरा धमाका बुधवार आधी रात को गुरु रामदास जी निवास भवन के पीछे स्वर्ण मंदिर के निकट गलियारे में हुआ। गौरतलब है कि छह मई को यहां स्वर्ण मंदिर के निकट ‘हेरिटेज स्ट्रीट’ के समीप कम तीव्रता का धमाका हुआ था। इसके 30 घंटे से भी कम समय बाद इलाके में एक और विस्फोट की आवाज सुनाई दी।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इन धमाकों की आगे की जांच के लिये एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जायेगा। यादव ने कहा कि किस मंशा से ये धमाके किये गये हैं, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पायी है। उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच की जाएगी कि गिरफ्तार किए गए पांचों व्यक्ति ‘‘स्व-कट्टरपंथी मॉड्यूल’’ का हिस्सा थे या किसी अन्य व्यक्ति के निर्देश पर काम कर रहे थे।
पुलिस ने मामले में गिरफ्तार किये गये लोगों की पहान आजादवीर सिंह, अमरीक सिंह, साहिब सिंह, हरजीत सिंह और धरमिंदर सिंह के तौर पर की है। पुलिस प्रमुख ने कहा कि आजादवीर और अमरीक इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता हैं, ये दोनों क्रमश: अमृतसर और गुरदासपुर जिले के रहने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि साहिब, हरजीत और धरमिंदर ने धमाके को अंजाम देने के लिये विस्फोटकों की आपूर्ति करायी थी, ये तीनों अमृतसर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कम तीव्रता का 1.10 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया है जिसका इस्तेमाल आम तौर पर पटाखे बनाने में किया जाता है। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इसके पीछे की गहरी साजिश की जांच करेंगे।
हम गिरफ्तार किए गए लोगों के भारत और विदेश में जुड़े सभी सहयोगियों की जांच करेंगे और इसकी तह तक जाएंगे।’ उन्होने कहा कि अमरीक की पत्नी से भी पूछताछ की जा रही है और उसकी भूमिका की भी तफ्तीश की जाएगी। प्रेस से बातचीत के दौरान पुलिस महानिदेशक के साथ विशेष पुलिस महानिदेशक आर.एन. ढोके भी मौजूद थे।
इस मामले में विस्फोटक अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। यादव ने आरोपियों को पकड़ने में मदद करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का आभार जताया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार पर ऐसी घटनाएं रोक पाने में ‘‘पूरी तरह नाकाम’’ रहने का आरोप लगाया।
पहले के दो धमाकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि यह पूरी तरह सरकार की नाकामी है। अगर इसकी गहरायी से जांच की गई होती तो गत रात की घटना नहीं होती।’’ एसजीपीसी प्रमुख ने इन घटनाओं के पीछे किसी साजिश का संदेह जताया। मामले में अधिक जानकारी देते यादव ने बताया कि छह मई को सराय के बाथरूम में ‘आईईडी’ तैयार किया गया और शीतलपेय के दो केन में 200 ग्राम विस्फोटक भरा गया।
उन्होंने कहा कि धातु के टिफिन बॉक्स में भी यही विस्फोटक सामग्री भरी गई। यादव ने कहा, “तीनों डिब्बों को पॉलिथिन की एक थैली में रखा गया। छह मई को रात 11 बजे आजादवीर हैरिटेज पार्किंग इमारत की छत पर गया और रस्सी की मदद से पॉलिथिन की थैली को लटका दिया।
पहला विस्फोट रात 11.25 बजे हुआ।” दूसरा ‘आईईडी’ धातु के दो कटोरों का इस्तेमाल कर इकट्ठा किया गया और उन्हें सात मई को सराय के बाथरूम में एक साथ जोड़ा गया। डीजीपी ने कहा कि इसे आठ मई को सुबह साढ़े चार बजे ‘हैरिटेज पार्किंग’ इमारत की छत पर रखा गया और सुबह सवा छह बजे इसमें विस्फोट हुआ। तीसरा विस्फोट इमारत के पीछे सुनसान इलाके में हुआ।
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