बंगाल स्कूल नौकरी घोटाला : तृणमूल कांग्रेस नेताओं के घरों पर जारी CBI की छापेमारी
कोलकाता। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी घोटाला मामले में अपनी जांच के सिलसिले में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक जीवनकृष्ण साहा से पूछताछ जारी रखी और उनके तथा पार्टी के अन्य नेताओं के परिसरों सहित कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों ने कोलकाता, पूर्ब मेदिनीपुर और बीरभूम जिलों में बी.एड और डी.एल.एड कॉलेजों का संचालन करने वाले एक ट्रस्ट के अध्यक्ष और एक अन्य व्यक्ति के परिसरों सहित छह स्थानों पर तलाशी ली। उन्होंने बताया कि सीबीआई के अधिकारियों ने शुक्रवार से बुरवान के विधायक साहा से पूछताछ जारी रखी और उनके दो मोबाइल फोन के लिए तलाशी अभियान शुरू किया, जिसे उन्होंने छापे के दौरान मुर्शिदाबाद में बरेया में अपने आवास के बगल में एक तालाब में फेंक दिया था।
सीबीआई के अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हमने साहा के घर से कई दस्तावेज जब्त किए हैं। ये भर्ती परीक्षाओं से जुड़े हो सकते हैं। हम उनके मोबाइल फोन की तलाश कर रहे हैं। मोबाइल फोन का पता लगाने के लिए तलाश जारी है और हमने तालाब से पानी निकालने के लिए पंप लगाया है।” सीबीआई की एक अन्य टीम ने बीरभूम जिले में टीएमसी के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष बिभास अधिकारी के घर पर स्कूल नौकरी घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए छापा मारा।
अधिकारी ने बताया कि जिस आश्रम से अधिकारी जुड़े हैं, उस पर भी जांच के सिलसिले में छापा मारा गया। उन्होंने बताया कि हमने उन दस्तावेजों को जब्त कर लिया है, जिन पर इच्छुक अभ्यर्थियों की तस्वीरें लगी हुई हैं। सीबीआई अधिकारियों ने कोलकाता में एमहर्स्ट स्ट्रीट इलाके में अधिकारी के बंद फ्लैट पर भी छापा मारा और वहां से कागजात जब्त किए।
अधिकारी ने बताया, “अधिकारी गिरफ्तार टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य के करीबी सहयोगी हैं। मामले के एक अन्य आरोपी कुंतल घोष ने भी पूछताछ के दौरान उनके नाम का जिक्र किया है।” कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती में घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही है।
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