बरेली: डाक विभाग में करीब एक लाख खाते बंद, करोड़ों की धनरािश फंसने का अनुमान

मोबाइल नंबर लिंक न करने की वजह से करीब 10 फीसदी खातों में लेनदेन पर लगी रोक, अब केवाईसी अपडेट कराए बगैर नहीं होंगे सक्रिय

बरेली: डाक विभाग में करीब एक लाख खाते बंद, करोड़ों की धनरािश फंसने का अनुमान

बरेली, अमृत विचार। मोबाइल नंबर लिंक न कराने की वजह से डाक विभाग ने अपने बरेली मंडल के बरेली और पीलीभीत जिले में अपने एक लाख से ज्यादा खातों को अस्थाई रूप से बंद कर दिया है। इस कार्रवाई से इन खातों में करोड़ों की धनराशि फंसने का अनुमान है। डाक विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अब इन खाताधारकों को केवाईसी अपडेट कराना पड़ेगा, तभी उनके खातों को दोबारा सक्रिय किया जा सकेगा।

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डाक विभाग की इस कार्रवाई से प्रभावित खाताधारक खातों के दोबारा सक्रिय होने तक उनमें कोई लेनदेन नहीं कर सकेंगे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इन खाताधारकों को काफी पहले से खाते से अपना मोबाइल नंबर लिंक कराने को कहा जा रहा था लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। कुछ समय पहले चेतावनी भी जारी की गई थी कि 31 मार्च तक खाते मोबाइल नंबर से लिंक न कराए तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा, इसके बावजूद एक लाख से ज्यादा लोगों ने मोबाइल नंबर लिंक नहीं कराया। लिहाजा पहली अप्रैल से उनके खाते अस्थाई रूप से बंद कर दिए गए हैं।

अधिकारियों के मुताबिक डाक विभाग के बरेली मंडल के बरेली और पीलीभीत जिले में कुल मिलाकर 10 लाख से ज्यादा खाताधारक हैं, इनमें से एक लाख से ज्यादा यानी करीब 10 फीसदी खातों को बंद किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि ग्राहकों के नियमित न होने की वजह से खातों में धांधली होने की आशंका रहती है।

इसी कारण यह निर्णय लिया गया है ताकि कोई भी गड़बड़ी होते ही फौरन ग्राहक के मोबाइल नंबर पर उसकी सूचना पहुंच जाए और वह खाते में मौजूद अपने धन की सुरक्षा के लिए सक्रिय हो जाए। डाक विभाग ने कुछ समय से खाताधारकों को नेफ्ट और आरटीजीएस की सुविधा देनी शुरू की है। इसके लिए मोबाइल नंबर लिंक होने की अनिवार्यता है।

ज्यादातर प्रभावित खाताधारक राष्ट्रीय बचत योजनाओं के
मोबाइल नंबर लिंक न कराने की वजह से जिन खातों को बंद किया गया है, उससे प्रभावित ज्यादातर वे खाताधारक हैं जिन्हें अपने खाते के संचालन के लिए नियमित रूप से डाकघर आने की जरूरत नहीं होती। ये लोग आरडी, एफडी,ईपीएफ, किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत पत्र जैसी योजनाओं में निवेश करने वालों में शामिल हैं। मोबाइल नंबर लिंक कराने में बचत खाताधारकों की स्थिति बेहतर है। इनमें से करीब 90 प्रतिशत खाताधारक मोबाइल नंबर खाते से लिंक करा चुके हैं।

ग्रामीण खाताधारकों को झेलनी पड़ सकती है दिक्कत
डाक विभाग की इस कार्रवाई से ग्रामीण इलाकों के खाताधारकों को अपेक्षाकृत ज्यादा दिक्कत होने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल, ग्रामीण इलाकों के काफी लोग डाक विभाग की योजनाओं में निवेश करते हैं। आमतौर पर विभाग की ओर से जारी होने वाली दिशा-निर्देश भी आसानी से उन तक नहीं पहुंच पाते। ये लोग आकस्मिक जरूरत पड़ने पर ही पैसे निकालने के लिए डाकघर पहुंचते हैं। ऐसे में उन्हें खाता बंद होने से ज्यादा परेशानी हो सकती है।

खातों से मोबाइल नंबर लिंक कराने के लिए विभाग ने लंबा अभियान चलाया लेकिन इसके बावजूद बहुत से खाताधारक नहीं जागे। इस कारण करीब एक लाख खातों को सेंट्रल सर्वर से लॉक कर दिया गया है। इन खातों को फिर सक्रिय करने के लिए ग्राहकों को केवाईसी देना होगा---अमित दत्त, प्रवर डाक अधीक्षक बरेली मंडल।

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