नैनीतालः प्रस्तावित आईएसबीटी की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश, 22 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

नैनीतालः प्रस्तावित आईएसबीटी की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश, 22 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के गौलापार में प्रस्तावित इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) को तीनपानी में शिफ्ट किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। 

मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अगली सुनवाई हेतु 22 अगस्त की तिथि नियत की है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।  

बुधवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार की तरफ से पूरा रिकॉर्ड सीलबंद कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट अब इस रिकॉर्ड की जांच 22 अगस्त को करेगी। पिछली तिथि को कोर्ट ने सरकार से यह भी बताने को कहा था कि आखिर इसको शिफ्ट करने की जरूरत क्यों पड़ रही है? इसका रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करें। 

मामले के अनुसार, हल्द्वानी निवासी रवि शकंर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि सरकार आईएसबीटी के नाम पर राजनीति कर बार-बार आईएसबीटी की जगह बदल रही है। सरकार की ओर से वर्ष 2008 में गौलापार में वन विभाग की आठ एकड़ भूमि पर आईएसबीटी बनाने के लिए संस्तुति की जा चुकी थी। 

केंद्र सरकार से भी इसकी अनुमति मिल चुकी है और राज्य सरकार वहां 11 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। आईएसबीटी निर्माण के लिए वहां पर करीब 2625 पेड़ काटे जा चुके हैं। गौलापार के अलावा आईएसबीटी बनाने के लिए हल्द्वानी में कहीं भी इससे अधिक जमीन नहीं है। इसके बाद भी सरकार इतने पेड़ काटे जाने व सरकारी धन का दुरुपयोग करने के बाद आईएसबीटी को हल्द्वानी के तीनपानी में बनाना चाहती है। 

गौलापार आईएसबीटी बनाने के लिए उपर्युक्त जगह है। यहां पर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी बन चुका है। यहां बनने से शहर जाममुक्त भी रहेगा इसलिए आईएसबीटी को यहां से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाए।