विश्व बैंक: ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रम के लिए कर्नाटक को दी 36.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मंजूरी
बेंगलुरु। कर्नाटक के 20 लाख ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में नलों से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने राज्य को 36.3 करोड़ अमेरीकी डॉलर का ऋण मंजूर किया है। विश्व बैंक के एक बयान में बुधवार को कहा गया कि कर्नाटक का लगभग 77 प्रतिशत क्षेत्र शुष्क या अर्ध-शुष्क है और जलवायु-परिवर्तन की वजह से वर्षा की प्रवृत्ति में बदलाव के कारण सूखे और बाढ़ की चपेट में रहता है।
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इस क्षेत्र में भूजल की कमी है और पानी की गुणवत्ता भी लगातार खराब हो रही है। बयान में कहा गया है, ‘‘राज्य में हर ग्रामीण आवास को ‘कर्नाटक टिकाऊ ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रम’ नल के पानी का कनेक्शन प्रदान करने की कर्नाटक सरकार की महत्वाकांक्षा में सहयोग करेगा।’’
बयान के अनुसार, ‘‘इसमें पेयजल वितरण नेटवर्क का निर्माण और ग्रामीण घरों में पानी के मीटर लगाना शामिल होगा और इससे राज्य के सभी 31 जिलों में लगभग एक करोड़ लोगों को लाभ होगा।’’ भारत के लिए विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा, ‘‘भारत के सभी ग्रामीण घरों में पाइप से पानी पहुंचाने के हमारे सहयोग के केंद्र में लैंगिक समानता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कार्यक्रम से ग्रामीण स्थानीय प्रशासन की जल आपूर्ति सेवाओं के प्रभावी प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी। इससे विशेषकर महिलाओं को लाभ होगा क्योंकि पानी लाने की जिम्मेदारी उनके ही ऊपर होती है। इससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और उन्हें शिक्षा प्राप्त करने का अवसर एवं नौकरी के लिए अधिक समय मिलेगा।’’