राहुल गांधी मामला: ‘पक्षपात’ के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस कर रही विचार
नई दिल्ली। कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कथित पक्षपात को लेकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार करने के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर रही है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव लाने का विचार मंगलवार सुबह पार्टी सांसदों की बैठक में रखा गया और कांग्रेस नेता अब इस पर अन्य दलों के नेताओं से बात कर रहे हैं।
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इस प्रस्ताव को सोमवार को लोकसभा में लाये जाने की संभावना है, लेकिन कुछ दलों ने यह कहते हुए इस कदम का विरोध किया है कि इससे विपक्षी एकता को नुकसान पहुंच सकता है। प्रधानमंत्री के ‘सरनेम’ वाली टिप्पणी के लिए मानहानि के मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था।
सूत्रों ने कहा कि ‘राहुल मामले’ में तेजी से उठाए गए कदमों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव में उल्लेख किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव तभी लाया जा सकता है जब सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल रही हो। विपक्षी खेमे के सूत्रों ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर और समर्थन की आवश्यकता होती है, लेकिन उन्हें आशंका है कि प्रस्ताव को इस आधार पर पेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि सदन सुचारू रूप से नहीं चल रहा है।
तेरह मार्च को बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के बाद से ही लोकसभा में हंगामा हो रहा है। विपक्षी दल अडाणी मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राहुल गांधी की विदेश में की गई टिप्पणी पर माफी मांगने पर जोर दे रही है।
सूत्रों ने कहा कि अगस्त 1963 में नेहरू सरकार के खिलाफ आचार्य कृपलानी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। उन्होंने कहा कि नरसिंह राव नीत सरकार और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
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