महिलाओं के गणित और विज्ञान में प्रोत्साहन के लिए प्रॉक्टर एंड गैम्बल ने शुरू किया देशव्यापी अभियान

नई दिल्ली। प्रॉक्टर एण्ड गैम्बल इंडिया (पीएण्डजी इंडिया) ने विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की ओर बालिकाओं एवं महिलाओं का रुझान बढ़ाने के लिए अपनी तरह के पहले रोडशो ‘वूमन इन स्टेम कारवां’ को हरी झंडी दिखाई है और इसका आयोजन देश के कई शहरों में किया जाएगा।
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इस रोडशो में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित (स्टेम) से जुड़े उद्यमों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये प्रमुख हितधारकों को एकसाथ लाया गया। इस रोडशो को जी20 आयोजनों के तहत आधिकारिक मान्यता मिली है जिसकी शुरुआत दिल्ली में इंटरनेशनल डे फॉर वूमन एण्ड गर्ल्स इन साइंस पर एक बेहतरीन ‘वूमन इन स्टेम: पॉलिसी, प्रैक्टिस एण्ड इंटरवेंशन्स’ गोलमेज सम्मेलन के साथ हुई।
इस आयोजन का उद्देश्य महिला सशक्तीकरण है। यह सम्मेलन स्टेम के अवसरों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिये नीतिगत प्रावधानों, जमीनी स्तर की सच्चाइयों, कॉर्पोरेट की भूमिका और प्रत्यक्ष हस्तक्षेपों पर केन्द्रित था। इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा प्रतिष्ठित पेशेवरों ने उन सभी तरीकों पर चर्चा की, जिनसे सही मध्यस्थताओं, नीतियों में जरूरी सुधारों और सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के कार्यान्वयन द्वारा स्टेम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को मजबूती दी जा सकती है।
सम्मेलन में मौजूद पदाधिकारियों में पीएण्डजी इंडिया, सेंटर फॉर सिविल सोसायटी, शिक्षा मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, केन्द्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और नीति आयोग के प्रतिनिधि शामिल थे। यह चर्चा महत्वपूर्ण विषय से जुड़े क्षेत्रों के इर्द-गिर्द रही।
इसमें नीतिगत उपायों के माध्यम से स्टेम कॅरियर में महिलाओं का प्रवेश संभव बनाना, विभिन्न क्षेत्रों में स्टेम में महिलाओं की वर्तमान सच्चाई पर जमीनी-स्तर की सूचनाएं और सरकार तथा व्यवसायों के वे हस्तक्षेप, जो अगले पांच वर्षों में स्टेम में महिलाओं के प्रवेश और बने रहने को आसान बना सकते हैं।
इस सम्मेलन के दौरान पीएण्डजी इंडिया और सेंटर फॉर सिविल सोसायटी ने नालागढ़, हिमाचल प्रदेश के इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में कोर्स कर रहीं लड़कियों को पीएण्डजी शिक्षा बेटियाँ स्कॉलरशिप भी दी। अपने अगले चरण में यह कारवां अब हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में जाएगा, जहाँ पीएण्डजी शिक्षा बेटियाँ स्कॉलरशिप के तहत ऐसी और भी लड़कियों को छात्रवृत्तियाँ दी जाएंगी, जो स्टेम के क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के लिये विभिन्न पाठ्यक्रम में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।
इस अवसर पर पीएण्डजी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल वी वैद्यनाथन ने कहा, “पीएण्डजी में हमें ऐसी दुनिया बनाने में मदद करने पर यकीन है, जहाँ पीएण्डजी के भीतर और बाहर सभी के लिये बराबरी और समावेश हासिल किया जा सके। डेटा से पता चलता है कि देश में स्टेम के कार्यबल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल 14 प्रतिशत है।
स्टेम के पाठ्यक्रम में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगातार कम बना हुआ है, जिससे उत्पादन, अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी की भूमिकाओं में उनका प्रतिनिधित्व कम होता है। इसका कारण अक्सर वे रूढ़ियाँ और भेदभाव होते हैं, जो महिलाओं को स्टेम में कॅरियर बनाने और आगे बढ़ने से रोकते हैं। ”
पीएण्डजी ने शिक्षा बेटियाँ स्कॉलरशिप प्रोग्राम पिछले साल शुरू किया था। सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मी संपत गोयल ने कहा, “ स्टेम के क्षेत्रों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की जरूरत को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहा जा सकता।
देश के विकास में प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ, महिलाओं की भागीदारी उन संभावनाओं में विविधता को बढ़ाती है, जो मौलिकता, नवाचार और क्षमता को प्रेरित करती हैं। इन क्षेत्रों में पेशेवर तरक्की और उपलब्धि की संभावना को देखते हुए, हमें इन रसूखदार पदों पर आने में महिलाओं को सहयोग देने और इस प्रक्रिया में उन्हें सशक्त करने की जरूरत है। ”
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