लखनऊ : दो गांव के फेर में फंसी सम्मान निधि

 आनी है 13वीं किस्त, 10.10 लाख किसानों का सत्यापन लंबित

लखनऊ : दो गांव के फेर में फंसी सम्मान निधि

अमृत विचार, लखनऊ। दो गांव के फेर में ''प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि'' का सत्यापन लटका है। एक गांव में खेत तो दूसरे में घर होने के कारण लेखपाल जांच नहीं कर पा रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन गांवों में आ रही जहां के लेखपाल अलग-अलग हैं। इस कारण प्रदेशभर में 10.10 लाख किसानों का सत्यापन लंबित है।

यह आवेदन माता-पिता में किसे एक लाभार्थी की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों ने ओपेन सोर्स यानी स्वयं मोबाइल या जनसेवा केंद्र से किए हैं। इसमें लखनऊ, गोरखपुर, हापुड़, मऊ व इटावा की प्रगति सबसे कम है। इस संबंध में पिछले माह शासन से प्रगति सुधारने के निर्देश दिए गए थे। क्योंकि इसी माह 13वीं किस्त जारी होनी है। इस मामले पर नोडल अधिकारी,संयुक्त निदेशक कृषि डीके सिंह से संपर्क नहीं हो सका।

भूलेख अंकन होने के बाद ई-केवाईसी नहीं

किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त पाने के लिए लाभार्थियों का भूलेख अंकन होना अनिवार्य था। यह प्रक्रिया पूरी न करने वाले लाभार्थियों को किस्त नहीं मिली है। अब 13वीं किस्त जारी होनी है। जिसके लिए भूलेख अंकन के साथ ई-केवाईसी कराना जरूरी है। बिना इसके 13वीं किस्त नहीं मिलेगी। इधर, ज्यादातर किसानों का भूलेख अंकन नहीं हो पाया है और जो लाभार्थी करा चुके तो उनकी ई-केवाईसी व आधार सीडिंग नहीं हो पाई है। जिसमें बागपत, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, मैनपुरी, संतकबीर नगर पीछे हैं।

करीब 2.10 करोड़ को मिली थी 12वीं किस्त

प्रदेश में 11वीं किस्त 2.38 करोड़ लाभार्थियों को मिली थी। इनमें 2.10 करोड़ लाभार्थियों का तहसील स्तर से भूलेख अंकन हुआ था और 1.77 करोड़ ने ई-केवाईसी कराई थी। तब 12वीं किस्त भूलेख अंकन वालों को मिलनी थी। ऐसे में अनुमान है कि पिछले वर्ष अक्टूबर में करीब 2.10 करोड़ लाभार्थियों को 12वीं किस्त मिली है।

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