संभल : टूट गई सालों पुरानी परंपरा, पुलिस ने चढ़वाई दलित बेटी की बारात

संभल, अमृत विचार। आजादी के 75 साल बाद भी समाज में ऊंच-नीच के नाम पर भेदभाव का सिलसिला थमा नहीं है।जनपद के गांव में वाल्मीकि ने बेटी की बारात चढ़ाने की तैयारी करी तो ऊंची जाति के लोग विरोध पर उतर आये। ऐसे में पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया। विरोध करने वालों को सख्त हिदायत के साथ ही गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया तो वाल्मीकि परिवार की बारात शान से चढ़ी और सालों पुरानी परंपरा टूट गई।
मामला संभल जनपद के गुन्नौर तहसील में आने वाले घुघैईया गांव का है। इस गांव में वाल्मीकि जाति का एक ही घर है जबकि बाकी यादव जाति के लोग यहां रहते हैं। ऐसे में अब तक रिवायत यही रही कि वाल्मीकि समाज के लोगों के यहां शादी ब्याह सादगी से होते थे और बारात चढ़त नहीं होती थी। ऋषिपाल ने बेटी की शादी तय की तो इरादा बना कि गांव में बारात चढ़वाकर बेटी को विदा किया जाये। इस बात की भनक यादव जाति के लोगों को लगी तो विरोध शुरु हो गया। विरोध देख ऋषिपाल ने एसपी से गुहार लगाई। इसके बाद तो गांव के हालात ही बदल गये। सीओ व कोतवाल से लेकर गांव में भारी पुलिस बल पहुंच गया। बारात चढ़त का विरोध करने वालों को चेतावनी दे दी गई।
एसपी चक्रेश मिश्रा का कहना है कि योगी सरकार में बगैर भेदभाव सबको सुरक्षा सबको न्याय की भावना को चरितार्थ करते हुए पुलिस ने वाल्मीकि की बेटी की बारात चढ़त का ऐसा इंतजा किया कि विरोध का इरादा रखने वालों की हवा निकल गई। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच वाल्मीकि समाज की बारात शान से चढ़ी। पुलिस की मेहरबानी से बेटी की बारात चढ़त होकर बेटी ससुराल को विदा हुई तो अब वाल्मीकि परिवार गदगद है।
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