शाहजहांपुर: मनरेगा में ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में उतरे ग्राम प्रधान, की नारेबाजी
कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे ग्राम प्रधानों ने सिस्टम पर उठाए सवाल
शाहजहांपुर, अमृत विचार। मनरेगा में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था शुरू होने से आ रही दिक्कतों के विरोध में सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ग्राम प्रधानों ने विरोध प्रदर्शन किया। ग्राम प्रधान कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए और प्रधानमंत्री को संबोधित अतरिक्त एसडीएम दशरथ कुमार को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रधान संगठन डीपीआरआरओ, सीडीओ से मिलकर इस व्यवस्था को खत्म करने सहित अन्य बिंदुओं की चर्चा की।
ज्ञापन के माध्यम से प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत मजदूरी करने वाले मजदूरों को दिन में दो बार ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य किया गया है, जबकि अधिकांश गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं चलता है। ऐसे में हाजिरी नहीं लग पाती है और काम करने वाले मजदूर गैर हाजिर हो जाते है। मस्टर रोल शून्य हो जाता है। इस व्यवस्था को तत्काल बंद किया जाए।
साथ ही मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन 213 रुपये की मजदूरी बढ़ाकर 400 रुपये करने, ग्राम प्रधानों का न्यूनतम मानदेय 30 हजार और रोजगार सेवकों का 18 हजार रुपये करने की मांग की। पंचायत सहायक, शौचालय केयर टेकर की मानदेय व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा अलग से की जाए। कहा कि ग्राम निधि की 25 प्रतिशत कटौती कर क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत को दे दी गई, जिसकी वजह से गांव का विकास संतोषजनक नहीं पाएगा। केंद्रीय एवं राज्य वित्त की धनराशि आबादी के अनुसार पांच गुना बढ़ाई जाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान गुड्डू वर्मा, जगवीर, तरुण शुक्ला, ज्याति शर्मा, रूबी सिंह, मो. अकरम, पवन वर्मा, सचिन कुमार आदि काफी संख्या में ग्राम प्रधान मौजूद रहे।
सुरक्षा के लिए जारी किए जाए लाइसेंस
ग्राम प्रधानों ने मांग की है कि प्रधानों, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्यों की सुरक्षा के लिए शस्त्र लाईसेंस जारी किए जाएं। प्रधानों के विरूद्ध शिकायत करने पर शिकायतकर्ता के शपथ पत्र एवं उपनिदेशक पंचायत राज की अनुमति के बिना कोई जांच न की जाए। शिकायत झूठी पाए जाने पर शिकायतकर्ताओं पर कार्रवाई की जाए।
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