अयोध्या : फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब नया भूलेख एप

अमृत विचार, अयोध्या। खतौनी लगाकर अब कोई फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगा, दूसरे की खतौनी का दिखाकर दूसरा किसान अन्य सुविधाएं भी नहीं ले सकेगा। शासन ने डिजिटल खतौनी का पुराना ऐप डिलीट करवाकर नया ऐप अपलोड करने का निर्देश दिया है। इसके लिए तहसीलों में तैयारी शुरू कर दी गई है।
इस ऐप के माध्यम से अब नई डाटाबेस खतौनी 19 कॉलम की निकलेगी। इसमें किसान व जमीन से संबंधित पूरा विवरण विस्तार से दर्ज होगा। राजस्व विभाग द्वारा किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया गया है। आधार कार्ड फर्जी बनाकर व आनलाइन खतौनी निकालकर धोखाधड़ी कर जमीनों के बैनामे हो जाते थे।
लेकिन अब नई डिजिटल खतौनी 19 कॉलम की कर दी गई है। किसी को भी शक होने पर खतौनी देखकर असली किसान के बारे में पूरी जानकारी एक क्लिक पर कर सकता है। पहले भूलेख पोर्टल से खतौनी आनलाइन मिलती थी। अब इस पोर्टल को बंद कर नया पोर्टल भूलेख यूपी कर दिया गया है।
19 कालम की खतौनी में होगी यह सूचनाएं
पहले खतौनी में किसान का नाम, गाटा संख्या, क्षेत्रफल दिया जाता था। जिस भूमि पर लोन होता उसकी सूचना भी होती थी। नए पोर्टल पर जो खतौनी मिलेगी वह पूरी तरह डिजिटल होगी। इसमें किसान का नाम पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, उक्त भूमि कितनी बार बिक्री हुई उसका विवरण, किसी प्रकार का लोन की राशि व बैंक का नाम, गाटा संख्या, भूमि का क्षेत्रफल, खसरा नंबर, हिस्सेदारों के नाम आदि दर्ज होंगे।
लेखपाल पोर्टल पर अपलोड करेंगे खतौनी
नई डिजिटल खतौनी के कॉलमों को पूरा करने के लिए राजस्व विभाग ने लेखपालों को जिम्मेदारी दी है। इसके लिए लेखपालों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी तहसील से दो लेखपालों को प्रशिक्षण के लिए लखनऊ भेजा गया है।
वर्जन
नया भूलेख एप यूपी शीघ्र ही शुरू कर दिया जायेगा। प्रशिक्षण के लिए गए लेखपाल लौटकर अन्य को ट्रेनिंग देगें। नई व्यवस्था से फर्जीवाड़ा रुकेगा।
- विशाल सिंह, उप जिलाधिकारी, सदर
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